राजस्थान में राज्यसभा चुनाव (Rajyasabha Election) 10 जून को हो रहे हैं, राज्य में जुलाई में चार सीटें खाली हो रही हैं, चुनाव की अधिसूचना 24 मई को जारी की जाएगी, जबकि नामांकन की अंतिम तिथि 31 मई है. राजस्थान की 10 सीटों में से 4 सीटें 4 जुलाई को खाली हो जाएंगी.
आने वाले राज्यसभा चुनाव में एक बार फिर से प्रदेश में विधायकों की जोड़-तोड़ का खेल खेला जाएगा, इसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों खेमों ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में विधायकों की संख्या के लिहाज से कांग्रेस 2 पर तो बीजेपी एक सीट पर सेफ है, लेकिन दोनों पार्टियों ने चौथी सीट की जुगत बैठाना शुरू कर दिया है.
तीसरी सीट की लड़ाई
कांग्रेस जहां अपने सहयोगी विधायकों के बूते पर तीसरी सीट पर कब्जा जमाने में जुट गई है. वहीं बीजेपी ने भी अपने दूसरे प्रत्याशी पर मंथन शुरू कर दिया है. बीजेपी चौथी सीट के लिए कांग्रेस को वॉक ओवर नहीं देने का मानस बना चुकी है. इस लिए पार्टी किसी ऐसे चेहरे पर दांव खेलने की तैयारी में है जो निर्दलीय विधायकों से जुगाड़ बैठा सके.
बीजेपी राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने क्विंट हिंदी को बताया कि राज्यसभा में कुशासन वाली कांग्रेस सरकार को हम वॉक ओवर नहीं देंगे. बीजेपी दूसरी सीट पर भी अपना प्रत्याशी उतारेगी.
कांग्रेस का पलड़ा भारी
हालांकि बीजेपी ने 2020 में तीन राज्यसभा सीटों के चुनाव में भी इसी तरह की कोशिश की थी लेकिन चुनाव में कांग्रेस को दो सीट पर 123 और बीजेपी को 74 विधायकों के वोट मिले थे. कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल को 64 वोट, नीरज डांगी को 59 वोट मिले. वहीं बीजेपी के राजेन्द्र गहलोत को 54 वोट और ओंकार सिंह लखावत को 20 वोट मिले. साथ ही बीजेपी का एक वोट रिजेक्ट हो गया, 2 मतदाता अनुपस्थित रह थे. इस हिसाब से दोनों पार्टियों की ताकत कांग्रेस के पास 125 और बीजेपी के पास 75 वोटों की दिखाई दी थी.
राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों पर होने जा रहे चुनाव में मतदान होना तय माना जा रहा है. अभी इन चारों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. लेकिन 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद विधायकों की संख्या में हुए बदलाव जहां बीजेपी को प्रदेश से सत्ता मुक्त कर दिया वहीं राज्यसभा चुनाव में भी बैकफुट पर ला दिया है.
विधायकों की ताकत के लिहाज से 3 सीटों पर तस्वीर पूरी तरीके से साफ है. इन चार में से दो सीटों पर कांग्रेस साफतौर पर काबिज होने वाली है. इसके साथ ही एक अन्य सीट बीजेपी की मानी जा रही है. अभी इन चारों सीटों पर बीजेपी के ओम प्रकाश माथुर, के.जे. अल्फोंस, रामकुमार वर्मा, हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर जीते हुए हैं.
तीसरी सीट जीतने के लिए कांग्रेस के पास 15 वोटों की कमी
राजस्थान में राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए. राज्य सभा चुनाव अनुपातिक पद्धति के मुताबिक इस बार चार सीटें खाली हैं. इस लिहाज से हर एक प्रत्याशी को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए. अभी भारतीय जनता पार्टी- 71भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मा.)- 2निर्दलीय- 13 इन्डियन नेशनल कांग्रेस- 108 राष्ट्रीय लोक दल-1राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी- 3 भारतीय ट्राइबल पार्टी-2 वर्तमान में कांग्रेस के पास 108 सीटें होने के कारण दो सीटे जीतने के लिए पर्याप्त 82 वोट हैं, लेकिन तीसरी सीट जीतने के लिए कांग्रेस के पास 15 वोटों की कमी रहने वाली है.
13 निर्दलीय हैं तो राष्ट्रीय लोकदल के एक अभी सरकार के साथ में हैं, वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मा.) और भारतीय ट्राइबल पार्टी ऐसे में माना जा रहा है कि तीन सीटों पर कांगेस काबिज होगी वहीं बीजेपी के पास 71 विधायक हैं. इस लिहाज से एक सीट पर जीत दर्ज हो सकेगी.
दोनों दलों में भारी गुटबाजी को देखते हुए विधायकों की बाड़ेबंदी को लेकर चर्चा शुरू कर दी गई है. बीजेपी में वसुंधरा राजे सर्मर्थित विधायक अलग राह पर रहते हैं, लेकिन पार्टी की व्हिप जारी होने के बाद इन विधायकों की मजबूरी होगी की वे पार्टी प्रत्याशी के साथ रहे.
वहीं कांग्रेस में 108 विधायकों पर ही व्हिप लागू होगी. बाकी के विधायकों पर कांग्रेस को वोट देने की बाध्यता नहीं होगी. इसी को देखते हुए कांग्रेस अपने समर्थित विधायकों को बाड़ेबंदी में रखेंगे. वहीं राजनीति नियुक्तियों में अनदेखी से नाराज विधायकों को भी साधा जाएगा
इनपुट- पंकज सोनी
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