मध्यप्रदेश में बीजेपी के वरिष्ठ नेता भंवर सिंह शेखावत ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ मोर्चा खोला है और उन पर पार्टी को कमजोर करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पूर्व विधायक शेखावत केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी माने जाते हैं.
शेखावत पिछला चुनाव बदनावर विधानसभा क्षेत्र से लड़े थे और उन्हें राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव से हार का सामना करना पड़ा था. राज्यवर्धन सिंह अब बीजेपी में हैं और उनका बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर उपचुनाव लड़ना तय है.
शेखावत की नाराजगी क्यों बढ़ गई?
कहा जाता है कि शेखावत की हार में बीजेपी के बागी राजेश अग्रवाल की बड़ी भूमिका थी, क्योंकि वे चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतर गए थे. अग्रवाल को अब बीजेपी की सदस्यता दिला दी गई है. इससे शेखावत की नाराजगी और बढ़ गई है.
शेखावत ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान पार्टी के महासचिव विजयवर्गीय पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शेखावत का आरोप है कि विजयवर्गीय अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रहे हैं. वे उन लागों के साथ हैं, जिन्होंने पार्टी को नुकसान पहुंचाया.
उन्होंने कहा, "पिछले चुनाव में मेरे खिलाफ राजेश अग्रवाल को चुनाव लड़ाया, उसे पैसे दे दिए, जिसने हराने का काम किया. अब उसे पार्टी की सदस्यता दिला दी. इतना ही नहीं, उसे कैबिनेट मंत्री तक बनाने की बात कही."
'कार्यकर्ता सम्मान चाहता है, अपमान नहीं'
शेखावत का कहना है, "जिन लोगों ने खून-पसीना बहाकर पार्टी को खड़ा किया है, उनके सामने विजयवर्गीय यह संदेश दे रहे हैं कि जिसने पार्टी को हराया है, उसे हम कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे रहे हैं. इससे उस क्षेत्र का वातावरण खराब हुआ है. यह आगामी समय में चुनाव में कष्ट तो देगा. कार्यकर्ता सम्मान चाहता है, अपमान नहीं. इन स्थितियों की जानकारी पार्टी संगठन को मैं दे चुका हूं."
बीजेपी के वरिष्ठ नेता शेखावत कहते हैं कि समझ में नहीं आता कि विजयवर्गीय के कृत्यों पर पार्टी चुप क्यों है. समय रहते पार्टी को विजयवर्गीय पर कार्रवाई करनी चाहिए, नहीं तो आने वाले समय में पार्टी को नतीजे खराब दिखेंगे.
कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे का जिक्र करते हुए शेखाववत ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों के त्याग के कारण राज्य में बीजेपी की सरकार बनी है. कुछ लोग इसे खोने में लगे हुए हैं. उन तत्वों को रोकना चाहिए.
शेखावत का तो यहां तक आरोप है कि विजयवर्गीय कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्येातिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को आगामी उपचुनाव में हरवाकर बदला लेना चाहते हैं, क्योंकि एमपीसीए के चुनाव में सिंधिया ने तीन बार विजयवर्गीय को हराया है. बदनावर, हाटपिपिल्या और सांवेर वे सीटें हैं, जहां सिंधिया समर्थक बीजेपी से चुनाव लड़ने वाले हैं.
शेखावत अपेक्स बैंक के चेयरमैन भी रहे हैं और उनकी गिनती केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबियों में होती है. वे पिछला चुनाव बदनावर से हारे थे.
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