2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अगर बहुमत नहीं मिलता है और दूसरे दल नरेंद्र मोदी का समर्थन नहीं करते हैं तो RSS पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश कर सकता है. ये बात रविवार को शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कही. बहरहाल, प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने उनके कयासों को खारिज करते हुए कहा कि उनके पिता की सक्रिय राजनीति में लौटने की कोई योजना नहीं है.
2019 में साफ होगा एजेंडा: राउत
शिवसेना नेता ने कहा कि 7 जून को आरएसएस के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी क्यों शामिल हुए थे, इसके पीछे आरएसएसल का क्या एजेंडा था ये 2019 के आम चुनावों के बाद ही साफ होगा. राउत ने कहा, ‘‘ देश के हालात ऐसे हैं कि 2019 के चुनावों में बीजेपी को बहुमत नहीं मिलेगा. अगर खंडित जनादेश आता है और दूसरे दल मोदी का समर्थन नहीं करते हैं तो मुखर्जी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जाएगा जो सभी को मंजूर होगा.''
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने दिया राउत को जवाब
इस बीच शिवसेना नेता के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए पूर्व राष्ट्रपति की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया , ‘‘ मेरे पिता राष्ट्रपति पद पर कार्यकाल पूरा करने के बाद सक्रिय राजनीति में फिर नहीं आने वाले हैं. '' बता दें कि RSS के कार्यक्रम में जाने से पहले शर्मिष्ठा ने प्रणब मुखर्जी को नसीहत भी दे दी थी. उन्होंने प्रणब के कार्यक्रम जाने के फैसले को इशारों इशारों में बड़ी भूल बताया था.
राउत ने कहा कि आरएसएस मुख्यालय से मुखर्जी के भाषण में उम्मीद की जा रही थी कि वो देश के गंभीर मुद्दों पर बोलेंगे क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति अर्थशास्त्री भी हैं. उन्होंने कहा , ‘‘ प्रणब मुखर्जी ने देश के गंभीर मुद्दों पर बात नहीं की. उन्होंने न्यायपालिका में अशांति के बारे में भी कुछ नहीं कहा. महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर सरकार निष्प्रभावी हो गई है. उन्होंने इन मुद्दों का जिक्र नहीं किया. अर्थशास्त्री के तौर पर उनसे इन मुद्दों पर बोलने की उम्मीद की जा रही थी. ''
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