शिवसेना ने अपने सहयोगी दल बीजेपी को किसानों के आंदोलन से सीख लेने की बात कही है. पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर किसानों की मांग पूरी नहीं की गई, तो यह बीजेपी के लिए तबाही का सबब बन सकता है.
शिवसेना ने दावा किया कि सरकार नासिक में इंटरनेट सेवा बंद करने पर विचार कर रही थी. पार्टी ने पूछा है कि क्या सरकार प्रदर्शन कर रहे किसानों की तुलना अशांत कश्मीर में सेना पर पथराव कर रहे देशद्रोहियों से कर रही है?
शिवसेना ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना' के संपादकीय में कहा:
किसानों के दर्द की आग को सिर्फ वादों के जरिए नहीं बुझाया जा सकता है. सोमवार को किया गया ‘महाराष्ट्र बंद’ सरकार के लिए चेतावनी थी. अगर सरकार ने इससे सीख नहीं ली, तो किसानों के दर्द का यलगार बीजेपी के लिए तबाही पैदा करेगा.
शिवसेना ने कहा है कि यह किसानों के अधिकार की लड़ाई की शुरुआत है और यह लड़ाई उस समय तक जारी रहेगी, जब तक कि सरकार किसानों की अंतिम मांग को स्वीकार नहीं कर लेती है.
मुखपत्र में कहा गया है कि शिवसेना इस हड़ताल का समर्थन अंत तक जारी रखेगी.
शिवसेना ने कहा कि हड़ताल के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शन की घटनाओं को सरकार की उदासीनता के प्रति किसानों के गुस्से के रूप में देखा जाना चाहिए.
संपादकीय में कहा गया है कि सरकार धीरे-धीरे किसानों की एकता की चुभन महसूस करेगी और किसानों की पूर्ण कर्ज मांफी की मांग और उन्हें कृषि उपज का सही मूल्य देने के लिए विवश होगी.
(इनपुट भाषा से)
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