केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है. इस वीडियो में एक शख्स ये कह रहा है कि वो एक बीमार रिश्तेदार को लेकर अमेठी के संजय गांधी हॉस्पिटल गया, जहां उसे इलाज नहीं मिला. वीडियो में दिख रहा ये शख्स कह रहा है कि जब वो अस्पताल पहुंचा तो उसे कहा गया, ‘‘ये योगी-मोदी का अस्पताल नहीं है यहां आयुष्मान कार्ड नहीं चलेगा.’’
मामले को बढ़ता देख अस्पताल के डायरेक्टर ने खुद सामने आकर सारे आरोपों को खारिज किया है.
क्या है मामला?
अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ रहीं स्मृति ईरानी ने रविवार को एक वीडियो ट्वीट किया. इस वीडियो के साथ स्मृति ने लिखा, ‘‘संजय गांधी अस्पताल के ट्रस्टी राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जवाब दें अमेठी को - एक निर्दोष को क्यूं मार दिया गया?’’
इस वीडियो में एक शख्स ये दावा कर रहा है कि वो अपने चाचा को लेकर संजय गांधी अस्पताल लेकर गया, जहां डॉक्टर ने ये कहकर इलाज करने से मना कर दिया.
क्या कह रहा है अस्पताल प्रशासन?
वहीं अस्पताल के डायरेक्टर ने कहा है, ‘‘अस्पताल पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं. हमने आयुष्मान भारत स्कीम के तहत 200 मरीजों का इलाज किया है. वो बीमार शख्स अपने साथ आयुष्मान कार्ड नहीं लेकर आया था और इस स्कीम का ये नियम है कि बिना कार्ड के मरीज को भर्ती नहीं किया जाता.’’
पीएम मोदी ने भाषण में किया था इस वीडियो का जिक्र
मध्य प्रदेश की एक रैली में पीएम ने भी इस वीडियो का जिक्र किया था. पीएम ने राहुल गांधी पर साधते हुए कहा, ‘‘अमेठी में एक अस्पताल है. इस अस्पताल के ट्रस्टी नामदार परिवार के सदस्य हैं. कुछ दिन पहले इस अस्पताल में मौत से लड़ाई लड़ रहा एक गरीब आयुष्मान कार्ड लेकर अपना इलाज कराने गया. तो उस गरीब को कहा गया कि ये मोदी का अस्पताल नहीं, जहां आयुष्मान कार्ड चल जाए.’’
अमेठी लोकसभा सीट पर 6 मई को मतदान होगा. इस सीट पर बीजेपी की कैंडिडेट स्मृति ईरानी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सीधी टक्कर है.
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