कर्नाटक में कुछ जेडीएस विधायकों ने पार्टी नेता एचडी कुमारस्वामी से बीजेपी सरकार को बाहर से समर्थन देने की बात कही है. इस बात की जानकारी जेडीएस विधायक और पूर्व मंत्री जीटी देवगौड़ा ने 26 जुलाई को दी. इसके साथ ही गौड़ा ने कहा कि समर्थन देने पर आखिरी फैसला कुमारस्वामी ही करेंगे.
बता दें कि 23 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित ना कर पाने के चलते 14 महीने पुरानी जेडीएस-कांग्रेस सरकार गिर गई. इस फ्लोर टेस्ट में सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में 99, जबकि बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े थे.
सत्ता से बाहर होने के बाद 4 दिन में ही जेडीएस विधायक अगले कदम को लेकर बंटे नजर आ रहे हैं. पार्टी के भविष्य की रणनीति के संबंध में कुमारस्वामी ने 26 जुलाई की रात एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में विधायकों में मतभेद उभरकर सामने आए.
पार्टी विधायकों से मिलने के बाद जीटी देवगौड़ा ने कहा, ''हमने (विधायकों ने) भविष्य की रणनीति पर चर्चा की. कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया कि हमें विपक्ष में बैठना चाहिए, जबकि कुछ विधायकों की राय है कि हमें बाहर से बीजेपी को समर्थन देना चाहिए.’’
सीएम येदियुरप्पा के सामने भी संख्या जुटाने की चुनौती
बीएस येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है. हालांकि उनके सामने भी सरकार चलाने के लिए संख्याबल जुटाने की चुनौती होगी. बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस और जेडीएस के 15 विधायकों ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफे दिए थे. कर्नाटक विधानसभा स्पीकर ने इनमें से 2 कांग्रेस विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने एक निर्दलीय विधायक को भी अयोग्य घोषित किया है.
3 विधायकों के अयोग्य घोषित होने के बाद 225 सदस्यीय सदन का संख्याबल 222 हो गया है. स्पीकर का वोट हटाकर यह संख्या 221 है और बहुमत का आंकड़ा 111 है.
हालांकि कांग्रेस-जेडीएस के बाकी बागी विधायकों के इस्तीफे या उनके खिलाफ दाखिल अयोग्य ठहराने जाने की याचिकाओं पर स्पीकर का फैसला आने के बाद यह आंकड़ा बदल जाएगा. मगर खाली सीटों को भरने के लिए 6 महीने के अंदर उपचुनाव भी होंगे.
फिलहाल बीजेपी के पास 105 खुद के विधायक हैं, जबकि उसे एक निर्दलीय विधायक का समर्थन हासिल है. सीएम येदियुरप्पा ने कहा है कि वह 29 जुलाई को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे.
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