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सोनिया गांधी के साथ G23 के नेताओं की बैठक में क्या-क्या हो सकता है

कांग्रेस में G23 के नेताओं का मामला आखिर है क्या?

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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर अगस्त में उन्हें लेटर लिखने वाले कुछ नेताओं से शनिवार को मुलाकात करेंगी. मुश्किल वक्त से गुजर रही कांग्रेस के लिए इस बैठक का होना काफी अहम माना जा रहा है.

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क्विंट को सूत्रों से पता चला है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को समझाया था कि लेटर लिखने वाले 23 नेताओं के ग्रुप (G23) को भरोसे में लेना जरूरी है. कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले ही सोनिया से मुलाकात की थी. इस बीच, सोनिया और प्रियंका गांधी को एहसास हो गया कि इस ग्रुप से बात करना जरूरी है, इतने बड़े ग्रुप को दरकिनार नहीं कर सकते.

G23 के नेताओं के साथ सोनिया गांधी की मुलाकात के प्लान में राहुल गांधी मन से कितने साथ हैं, फिलहाल यह बात साफ नहीं है.  

19 अगस्त की प्रस्तावित बैठक में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पृथ्वीराज चव्हाण जैसे बड़े नेता शामिल हो सकते हैं. इस बैठक में कमलनाथ के शामिल होने की भी संभावना है. यह बैठक फेस टू फेस हो रही है. कुछ लोगों ने जूम कॉल का आइडिया दिया था, जिसे G23 नेताओं ने नामंजूर कर दिया.

प्रस्तावित बैठक में क्या-क्या हो सकता है?

  • बैठक में मौजूदा कांग्रेस नेतृत्व की कोशिश हो सकती है कि कांग्रेस के अगले अध्यक्ष के चुनाव का शेड्यूल बनाकर G23 के नेताओं को मना लिया जाए.
  • वहीं, G23 के नेता मांग कर सकते हैं कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) का चुनाव के जरिए नए सिरे से गठन किया जाए, फिर पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की तरफ बढ़ा जाए.
  • हो सकता है कि कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए कोई नाम आगे बढ़ाकर भी G23 के नेताओं को मनाने की कोशिश की जाए. ऐसे में अगर उम्मीदवार G23 के नेताओं की पसंद का हुआ तो बात बन सकती है. लेकिन महज गांधी परिवार के करीबी और बिना जमीनी सक्रियता वाले किसी उम्मीदवार का नाम आगे बढ़ाने से टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है.
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कांग्रेस लीडरशिप के सामने एक सवाल यह भी है कि अहमद पटेल की जगह कौन ले? पटेल के पहले जिस तरह आरके धवन, जितेंद्र प्रसाद या नरसिम्हा राव के लिए भुवनेश चतुर्वेदी का रोल था वैसे एक कॉन्टैक्ट पर्सन की जरूरत तो गांधी परिवार को है. यह मुद्दा इस बैठक के एजेंडा में नहीं है लेकिन अनौपचारिक रूप से इस पर भी काफी बातचीत हो रही है.

G23 के नेताओं का मामला क्या है?

अगस्त में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को लेटर लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय नेतृत्व होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी.

इसे कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया था. कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी.

बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उपचुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी, आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी और इसमें व्यापक बदलाव की मांग की थी. इसके बाद वे फिर से कांग्रेस कई नेताओं के निशाने पर आ गए थे.

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