महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान पर बड़ा फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को 27 नवंबर की शाम 5 बजे से पहले सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया है. यानी बीजेपी के पास अब महज 30 घंटे हैं बहुमत साबित करने के लिए.
शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाए जाने का फैसला रद्द करने की मांग की थी. इन पार्टियों ने अपनी याचिका में ‘खरीद-फरोख्त रोकने के लिए’ फ्लोर टेस्ट जल्द कराए जाने की मांग भी की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या-क्या कहा:
- 27 नवंबर को शाम 5 बजे से पहले फ्लोर टेस्ट किसी भी हालत में कराना होगा.
- प्रोटेम स्पीकर कराएंगे बहुमत परीक्षण
- बहुमत परीक्षण का होगा लाइव टेलीकास्ट
- बहुमत परीक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ओपन बैलट से मतदान करने का आदेश दिया
- सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निर्देश दिया कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि सदन के सभी निर्वाचित सदस्य बुधवार को ही शपथ ग्रहण करें.
महाराष्ट्र में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीट मिली थीं. सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 145. लेकिन बीजेपी की साथी शिवसेना ने चुनाव के बाद साथ छोड़ दिया. शिवसेना ने साफ कह दिया 50:50 मैच होगा, नहीं तो अब बस! मतलब ढाई साल बीजेपी का सीएम और ढाई साल शिवसेना का, लेकिन जब बीजेपी तैयार नहीं हई तो शिवसेना ने 30 साल पुरानी दोस्ती एक झटके में तोड़ दी.
शिवसेना ने बीजेपी का साथ छोड़ तो बीजेपी ने एनसीपी में हीं सेंध लगा दी. और एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार को ही अपने पाले में ले आई. अजित पवार को डिप्टी सीएम पद का शपथ भी दिला दिया.
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