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TMC में फेरबदल: अभिषेक बनर्जी को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया

डोला सेन को तृणमूल कांग्रेस ट्रेड यूनियन की राष्ट्रीय प्रमुख बनाया गया है

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पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तीसरी बार कामयाब होने के बाद तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने संगठन में फेरबदल किया है. पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी को उम्मीद के मुताबिक जिम्मेदारी दी गई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को सुब्रत बख्शी की जगह तृणमूल का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है. शनिवार को हुई पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया.

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विधानसभा चुनाव हारने वाली, अभिनेत्री से राजनेता बनीं सयोनी घोष को अभिषेक के स्थान पर तृणमूल युवा कांग्रेस की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इस बीच, शनिवार से पार्टी में लागू किए गए नए एक व्यक्ति-एक-पद सिद्धांत के बाद बख्शी ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपना पद बरकरार रखा.

वयोवृद्ध नेता और मुख्यमंत्री बनर्जी के करीबी के रूप में जानी जाने वाली काकोली घोष दस्तीदार को चंद्रिमा भट्टाचार्य के स्थान पर तृणमूल महिला विंग की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि डोला सेन को तृणमूल कांग्रेस ट्रेड यूनियन की राष्ट्रीय प्रमुख बनाया गया है.

दिलचस्प बात यह है कि सीपीआई-एम से तृणमूल में शामिल रीताब्रत भट्टाचार्य को तृणमूल कांग्रेस ट्रेड यूनियन का राज्य सचिव बनाया गया है.

बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, "हम उन सभी को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हमें सत्ता में आने के लिए वोट दिया और हम लोगों और राज्य के विकास के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उन सभी को धन्यवाद दिया है जो मुश्किल समय में पार्टी के साथ खड़े रहे हैं."

पार्टी में वापसी के इच्छुक नेताओं के बारे में पूछे जाने पर चटर्जी ने कहा, दलबदलूओं के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है. यह उचित समय पर तय किया जाएगा.

ममता बनर्जी के पूर्व सहयोगियों में शामिल सोनाली गुहा, सरला मुर्मू और अमल आचार्य जैसे अन्य दलबदलू, जो विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे, सहित तृणमूल के कई पूर्व नेताओं ने सत्ताधारी पार्टी में लौटने की इच्छा व्यक्त की है.

सोनाली गुहा ने 23 मई को ममता को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने के लिए माफी मांगी थी. उन्होंने पत्र में कहा था, "मैं आपसे क्षमा चाहती हूं और अगर आप मुझे क्षमा नहीं करती हैं, तो मैं जीवित नहीं रह पाऊंगी. कृपया मुझे वापस आने की अनुमति दें, और अपना शेष जीवन अपने स्नेह में व्यतीत करने दें."

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