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दशहरा में शक्ति प्रदर्शन:उद्धव को शिंदे का जवाब-शिवसेना आपकी प्राइवेट कंपनी नहीं

Uddhav Tackeray vs Eknath Shinde: उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे गुट को गद्दार बताते हुए कहा कि "इस बार का रावण अलग है"

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"असली शिवसेना किसकी है- उद्धव ठाकरे (Uddhav Tackeray ) गुट या एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट वाली?" - इस सवाल पर अंतिम निर्णय लेने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के ऊपर छोड़ दिया है. लेकिन इसका जवाब आज विजयादशमी के मौके पर दोनों गुट ने अपने-अपने दशहरा रैली में शक्ति प्रदर्शन कर देने की कोशिश की. जहां एक तरफ मुंबई के शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को गद्दार बताते हुए कहा कि "इस बार का रावण अलग है". दूसरी तरफ मुंबई के BKC मैदान में शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट की दशहरा रैली के दौरान बालासाहेब ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे अपना समर्थन दिखाने आए और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ मंच साझा किया.

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"इस बार का रावण अलग है"- उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने बुधवार को बागी एकनाथ शिंदे खेमे को 'गद्दार' करार देते हुए कहा कि 'उन पर यह दाग हमेशा बना रहेगा'. विधायकों को पाला बदलने के लिए 50 करोड़ रुपये की कथित पेशकश का जिक्र करते हुए, उद्धव ने कहा कि “इस साल का रावण अलग है. रावण के 10 सिर हुआ करते थे, लेकिन इस रावण के पास 50 हैं- सिर नहीं बल्कि वे खोखे हैं"

"वे गद्दार हैं और रहेंगे. मैं उन्हें गद्दार कहता रहूंगा... उन पर यह दाग हमेशा बना रहेगा."

उद्धव ठाकरे ने दोहराया कि बीजेपी के साथ गठबंधन वाली सरकार में ढाई-ढाई साल के लिए सत्ता साझा करने की बात हुई थी. उन्होंने कहा कि उन्होंने "हमें धोखा देने वाली बीजेपी को सबक सिखाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महा विकास अघाड़ी सरकार बनाई."

सीएम शिंदे के दिल्ली के लगातार दौरे पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने 100 दिनों में से 90 दिन दिल्ली की ऑफिस में बिताए हैं. ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि वह शिवसेना प्रमुख बनने के लायक नहीं हैं. उन्होंने कहा, "क्या आप इसके लायक हैं? क्या आपके पास अपने बारे में कोई विचार है? आप (बाल ठाकरे का जिक्र करते हुए) दूसरों के पिता चुराते हैं. अगर हिम्मत है तो अपने पिता के नाम का इस्तेमाल करके चुनाव का सामना करें."

ठाकरे ने शिंदे गुट को एक मंच पर आने और बीजेपी से स्क्रिप्ट लिए बिना हिंदुत्व के बारे में बोलने की चुनौती दी.

बता दें कि उद्धव ठाकरे का खत्म होने के बाद शिवाजी पार्क में '50 खोखा' लिखे हुए एक रावण का पुतला भी जलाया गया.

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"शिवसेना आपकी प्राइवेट कंपनी नहीं है"- एकनाथ शिंदे 

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के MMRDA मैदान में दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारी भीड़ यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि बालासाहेब ठाकरे की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी कौन हैं. उद्धव पर निशाना साधते हुए कहा कि

"यह आपकी (उद्धव ठाकरे) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है. शिवसेना उन शिवसैनिकों की है जिन्होंने इसके लिए अपना पसीना बहाया है. आप जैसे लोगों के लिए नहीं जिन्होंने पार्टनरशिप की और उसे बेच दिया"

उन्होंने आगे कहा कि "महाराष्ट्र के वोटरों ने आपको और बीजेपी को विधानसभा चुनाव में चुना, लेकिन आपने कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाकर लोगों को धोखा दिया. उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव को मुंबई में बाल ठाकरे के स्मारक पर घुटने टेकने चाहिए और महाराष्ट्र के लोगों को 'धोखा' देने के लिए माफी मांगनी चाहिए.

असली शिवसेना के नेता होने के उद्धव ठाकरे के दावे को आज एक और झटका लगा जब उनके भाई जयदेव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के साथ मंच पर खड़े होकर कहा कि "उनका पूरा समर्थन" शिंदे के साथ है. उन्होंने वहां मौजूद कार्यकर्ताओं से कहा कि "एकनाथ को अकेला मत पड़ने दो. आप सभी को उसका समर्थन करना चाहिए. शिंदे गरीबों और किसानों के लिए काम कर रहे हैं. शिंदे हमारे किसानों के समान हैं, वह बहुत मेहनती हैं."

बता दें कि 1966 में अपनी स्थापना के बाद से शिवसेना ने शिवजी पार्क में ही दशहरा रैली का आयोजन किया है. वहीं MMRDA मैदान बांद्रा में ठाकरे परिवार के निजी आवास 'मातोश्री' के करीब स्थित है, जहां शिंदे गुट ने दशहरा रैली का आयोजन किया.

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