यूपी सरकार ने नागरिकता संशोधित कानून (CAA) के तहत शरणार्थियों की पहचान करना शुरू कर दी है. यूपी सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया, पहली लिस्ट में राज्य के 21 जिलों में 32,000 से ज्यादा शरणार्थियों की पहचान कर ली गई है.
श्रीकांत शर्मा ने कहा, "राज्य सरकार ने नागरिकता कानून के तहत शरणार्थियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यूपी के सभी जिला मजिस्ट्रेटों को डेटा एकत्र करने के लिए कहा गया है. पूरे राज्य में यह कवायद चल रही है."
श्रीकांत शर्मा से पूछा कि वो शरणार्थी किन देशों से हैं, इसपर शर्मा ने कहा, “सभी शरणार्थी अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से हैं.”
बता दें, देशभर में भारी विरोध प्रदर्शन के बीच CAA 10 जनवरी से लागू हो गया है. इस कानून के तहत सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों (हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध) को भारतीय नागरिकता दी जाएगी, जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. कानून के मुताबिक इन छह समुदायों के शरणार्थियों को पांच साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगी. ये कानून पिछले साल 11 दिसंबर को संसद में पारित किया गया था.
कानून के मुताबिक यह असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं. इसके साथ ही यह कानून इनर लाइन परमिट (ILP) वाले इलाकों में भी लागू नहीं होगा.
बता दें, इनर लाइन परमिट एक यात्रा दस्तावेज है, जिसे भारत सरकार अपने नागरिकों के लिए जारी करती है, ताकि वो किसी संरक्षित क्षेत्र में निर्धारित अवधि के लिए यात्रा कर सकें.
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