प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने के लिए बसों के मामले पर कांग्रेस और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एक-दूसरे को लेटर लिखे जाने का सिलसिला लगातार जारी है. बता दें कि लखनऊ में बसें उपलब्ध कराने में कांग्रेस की तरफ से असमर्थता जताने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव को 19 मई की सुबह एक और लेटर भेजा.
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने अपने लेटर में कहा, ''आपके लेटर के मुताबिक, आप लखनऊ में बस देने में असमर्थ हैं और नोएडा, गाजियाबाद बॉर्डर पर ही बस देना चाहते हैं. ऐसे में कृपया जिलाधिकारी गाजियाबाद को 500 बसें दोपहर 12 बजे तक उपलब्ध कराने का कष्ट करें. गाजियाबाद में जिला प्रशासन द्वारा सभी बसों को रिसीव किया जाएगा और उनका इस्तेमाल किया जाएगा. कृपया गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे और साहिबाबाद बस अड्डे पर बसें उपलब्ध कराने का कष्ट करें.''
अवस्थी ने लेटर में आगे लिखा कि इसके अतिरिक्त 500 बसें नोएडा में जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर को एक्सपो मार्ट के पास ग्राउंड पर उपलब्ध कराएं. उन्होंने बताया कि संबंधित जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वह बसों का परमिट, फिटनेस, इंश्योरेंस आदि के दस्तावेज, चालक का लाइसेंस और परिचालक के दस्तावेज चेक कर बसों का इस्तेमाल तत्काल करें.
इस लेटर में जवाब में प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह ने कहा है, ‘’हमारी कुछ बसें राजस्थान से आ रही हैं और कुछ दिल्ली से, इनके लिए दोबारा परमिट दिलवाने की कार्यवाही जारी है. बसों की संख्या ज्यादा होने की वजह से इसमें कुछ घंटे लगेंगे. आपके आग्रह अनुसार ये बसें गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर पर शाम 5 बजे तक पहुंचाई जाएंगी.’’
इसके आगे उन्होंने लिखा है, ''आपसे आग्रह है कि 5 बजे तक आप भी यात्रियों की लिस्ट और रूट मैप तैयार रखें ताकि उनके संचालन में हमें कोई आपत्ति न आए.''
इससे पहले सोमवार देर रात अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रियंका के निजी सचिव को लेटर लिखकर कहा था कि सभी बसों के चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस, परिचालकों के परिचय पत्र और बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र जिलाधिकारी कार्यालय लखनऊ को उपलब्ध कराएं. इस पर प्रियंका के निजी सचिव ने लेटर के माध्यम से ही जवाब दिया था कि सोमवार देर रात 11.40 बजे ईमेल से यूपी सरकार का एक लेटर मिला है जिसमें 1000 बसों के तमाम दस्तावेज लखनऊ में सुबह 10 बजे देने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में एक हजार बसों को लखनऊ भेजना न सिर्फ समय और संसाधनों की बर्बादी है बल्कि अमानवीयता भी है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने गाजियाबाद और गाजीपुर बॉर्डर से 500 बसें और नोएडा से 500 बसें चलाकर दिल्ली-एनसीआर में फंसे प्रवासी कामगारों को लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी.
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