नई मोदी सरकार बनने के बाद पहली बार अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत पहुंचे हैं. मंगलवार देर रात भारत पहुंचे पोम्पियो ने बुधवार सुबह पीएम मोदी से मुलाकात की. इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी पोम्पियो से मिले. दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी है. जहां भारत अमेरिका के सामने अपनी कुछ मांगे रखेगा, वहीं अमेरिका भी कई मुद्दों पर अपनी शर्तें जाहिर कर सकता है.
कई बड़े अधिकारी मौजूद
भारत और अमेरिका के बीच होने वाली इस खास बाचतीत के लिए कई भारतीय अधिकारी भी मौजूद हैं. मोदी सरकार के टॉप ब्यूरोक्रेट्स और मंत्री भी इस बातचीत का हिस्सा होंगे. पोम्पियो की पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान वहां नेशनल सेक्यॉरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल भी नजर आए.
एच-1 वीजा को लेकर बातचीत
भारत अमेरिकी विदेश मंत्री से एच-1 वीजा को लेकर भी बातचीत कर सकता है. अमेरिका पिछले कुछ समय से एच-1 वीजा को लेकर नियमों में बदलाव करने की कोशिशों में जुटा है. भारत की मांग है कि वीजा के नियमों में उसकी जरूरतों और मांगों का भी ध्यान रखा जाए.
अमेरिका के साथ भारत हथियारों की खरीद को लेकर भी विस्तार से बातचीत कर सकता है. अमेरिका हथियारों की खरीद को लेकर कई बार भारत को चेतावनी दे चुका है. भारत रूस से हथियार खरीदता है, ऐसे में अमेरिका की तरफ से प्रतिबंध की बात की जाती रही है.
एस जयशंकर की पहली बातचीत
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के लिए बतौर विदेश मंत्री अमेरिका के साथ यह पहली बातचीत होगी. अमेरिका से अच्छे रिश्ते और विदेश नीति को लेकर जयशंकर अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ चर्चा करेंगे. व्यापार के मुद्दों को लेकर पहले ही विदेश मंत्री जयशंकर अपना पक्ष साफ कर चुके हैं. पोम्पियो से मुलाकात से एक दिन पहले उन्होंने कहा था, बातचीत के दौरान ट्रेड वॉर के साथ ही आतंकवाद, अफगानिस्तान, एशिया प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग अहम मुद्दे होंगे.
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