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IPS अधिकारियों को मुक्त करने के आदेश, ममता-केंद्र फिर आमने-सामने

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पश्चिम बंगाल के आईपीएस अधिकारियों का दिल्ली तबादला

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पश्चिम बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर अब केंद्र और ममता सरकार में तकरार तेज हो चुकी है. केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के उन तीन आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है, जो नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे. इन सभी को डेपुटेशन पर बुलाया गया है. लेकिन सीएम ममता बनर्जी ने एक बार फिर इसका विरोध किया है. ममता ने कहा है कि केंद्र सरकार अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है.

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केंद्र ने कहा- पदों पर हो चुकी है नियुक्ति

केंद्रीय गृहमंत्रालय की तरफ से नड्डा के काफिले पर हमले के ठीक बाद बताया गया था कि जिम्मेदार आईपीएस अधिकारियों को दिल्ली बुलाया जाएगा. इसके बाद अब गृहमंत्रालय की तरफ से आदेश जारी कर दिए गए हैं. जिसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार तीनों आईपीएस अधिकारियों को तुरंत कार्य मुक्त करे. साथ ही ये भी बताया गया है कि इन अधिकारियों को पद भी दिए जा चुके हैं. भोलानाथ पांडे को बीपीआरडी एसपी, प्रवीन त्रिपाठी को डीआईजी-एसएसबी और राजीव मिश्रा को आईजी आईटीबीपी का पद दिया गया है.

इस आदेश के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट किए. जिनमें उन्होंने कहा कि ये कदम राज्य के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप करने जैसा है. अधिकारियों को डिमोरेलाइज करने की कोशिश है. चुनावों से पहले उठाया गया ये कदम संघीय ढांचे के सिद्धांतों के खिलाफ है.

आईपीएस काडर नियमों को लेकर बहस

इसके अलावा ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र को याद दिलाया कि उनका ये फैसला आईपीएस काडर नियमों के खिलाफ है. उन्हें पहले राज्य सरकार से इसके बारे में पूछना चाहिए. वहीं ममता के इस तर्क पर अधिकारियों का कहना है कि, गृहमंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को बताया कि किसी भी विवाद की स्थिति में आईपीएस काडर नियमों में केंद्र आदेश जारी कर सकता है, जिसे राज्य सरकार को मानना होगा.

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