ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा बहुत एक्शन से भरा चल रहा है. मंगलवार को उन्होंने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की. सबसे अहम बात थी कि ममता बनर्जी ने एनडीए के घटक शिवसेना के संजय राउत से भी चर्चा की.
ममता ने इन मुलाकातों का रहस्य बढ़ाते हुए कहा जब राजनीतिक लोग मिलते हैं तो राजनीतिक बातों पर चर्चा जरूर होती है.
ममता बनर्जी की मुलाकात को बीेजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकता की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इसके अलावा आरजेडी के नेताओं से मिलीं.
टीएमसी नेता ने कहा है कि बुधवार को उनका कार्यक्रम बीजेपी के बागी नेताओं अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा से मुलाकात का है.
ताबड़तोड़ मुलाकातों के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि जब सियासी लोग मिलते हैं तो राजनीति पर ही बात होती है, इसमें कुछ छिपाने जैसा नहीं है. ममता ने ये भी कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बुधवार को अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा समेत बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगी.
ममता-पवार के डिनर की संभावना कम
ममता के इस दौरे को विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि कोलकाता से नई दिल्ली रवाना होने के दौरान ममता ने कहा कि वो समय-समय पर नई दिल्ली जाती हैं और ये उनका सामान्य दौरा है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी पार्टी के नेताओं से मिलूंगी और अगर विपक्ष के नेता मुझसे मिलना चाहते हैं तो मैं उनका स्वागत करती हूं. हम सभी मित्र हैं.''
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अपने चार दिन के दिल्ली दौरे में ममता शरद पवार के अलावा कई अन्य विपक्षी पार्टी के नेताओं से भी मुलाकात कर सकती हैं. ममता ने हाल ही में 2019 लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी को हराने के लिए बीजेपी विरोधी बलों को एक साथ आने के लिए आह्वान किया था.
सोनिया गांधी से मिलने की कम संभावना
ममता के इस दौरे में कांग्रेस पार्टी के नेताओं या सोनिया गांधी से मिलने के कम उम्मीद है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी से मिलेंगी, ममता ने कहा, ‘‘वो बीमार हैं. उन्हें ठीक होने दीजिए. मैं उन्हें परेशान नहीं करना चाहतीं.''
तीसरा मोर्चा की समर्थक ममता
ममता बनर्जी पिछले काफी समय से गैर-कांग्रेस और गैर-बीजेपी मोर्चा की वकालत करती रही है. उन्होंने इस कड़ी में शिवसेना, सपा, टीआरएस, टीडीपी, बीजेडी प्रमुखों से अलग-अलग समय में मुलाकात भी की है.
अभी पिछले दिनों ही विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के लिए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की डिनर पार्टी में 20 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे. समें कई दलों के प्रमुख ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बदले अपना प्रतिनिधि भेजा था. ममता बनर्जी भी सीधे तौर पर इसमें शामिल नहीं हुई थी. लेकिन अपने पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में सुदीप बंदोपाध्याय को भेजा था.
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