पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए बीजेपी और टीएमसी के अलावा दूसरी पार्टियों ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. लेफ्ट और कांग्रेस राज्य में विधानसभा चुनाव साथ लड़ने जा रही हैं. पिछले कई हफ्तों से सीट शेयरिंग को लेकर मंथन चल रहा था. जो अब लगभग पूरा हो चुका है. कांग्रेस की तरफ से बताया गया है कि फिलहाल पश्चिम बंगाल की 193 सीटों पर बातचीत तय हुई है. इनमें से 48 सीटों पर कांग्रेस और 68 सीटों पर लेफ्ट चुनाव लड़ेगा.
सीट शेयरिंग को लेकर लगातार हो रही बैठकें
पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस और लेफ्ट साथ मिलकर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. सीट शेयरिंग को लेकर सपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट और कांग्रेस के बीच कई दौर की बैठकें हुईं. इससे पहले हुई बैठक में कुल 77 सीटों को लेकर बातचीत हुई थी. जिनमें तय हुआ था कि 44 सीटें कांग्रेस को और 33 सीटें लेफ्ट को दी गईं.
अब कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया है कि 193 सीटों पर फार्मूला तय हुआ है. अब अगले दौर की बैठकों में बाकी की सीटों पर भी अंतिम फैसला होगा.
बता दें कि इस बार पश्चिम बंगाल में लड़ाई ममता बनाम बीजेपी है. बीजेपी लगातार पिछले कई हफ्तों से राज्य में रैलियां और यात्रा निकाल रही है, साथ ही दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में इस बार कमल खिलने जा रहा है.
कांग्रेस और लेफ्ट के लिए राजनीतिक जमीन बचाने की जंग
लेकिन लेफ्ट और कांग्रेस की बात करें तो, दोनों के लिए ये चुनाव काफी ज्यादा अहम है. अहम इसलिए क्योंकि इस चुनाव से लेफ्ट और कांग्रेस का पश्चिम बंगाल में अस्तित्व तय होगा.
पिछले लोकसभा चुनाव में लेफ्ट को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी, वहीं कांग्रेस ने थोड़ी इज्जत बचाते हुए 2 सीटें हासिल की थीं. अब अगर लेफ्ट और कांग्रेस विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए तो उनके लिए पश्चिम बंगाल की राजनीति में वापसी करना काफी मुश्किल होगा.
पिछले विधानसभा चुनाव का रिजल्ट
कौन करेगा गठबंधन का नेतृत्व?
अब भले ही लेफ्ट और कांग्रेस सीट शेयरिंग का ऐलान कर रहे हों, लेकिन अब भी ये बहस जारी है कि गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा और सीएम उम्मीदवार किसे बनाया जाएगा. फिलहाल जारी आंकड़े में तो लेफ्ट को ही ज्यादा सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. वहीं सीएम के चेहरे की बात करें तो कांग्रेस की तरफ से लगातार अधीर रंजन चौधरी का नाम सामने रखा जा रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)