तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर पहली बार सांसद चुनी गईं महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को लोकसभा में धुआंधार भाषण दिया. महुआ ने अपने 10 मिनट के भाषण से लोगों के जेहन पर अपनी छाप छोड़ दी. वे जेपी मॉर्गन में काम कर चुकी हैं और बैंकिंग के क्षेत्र में उन्हें महारत हासिल है.
लोकसभा में महुआ मोइत्रा ने हिंदी के कवि रामधारी सिंह दिनकर, उर्दू के शायर राहत इंदौरी और आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सेनानी मौलाना आजाद का जिक्र करते हुए जो भाषण दिया, बीजेपी को जिस तरह घेरा, उसकी खूब चर्चा हो रही है.
दिनकर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मतभेद इस देश का राष्ट्रीय चरित्र है. इसे खत्म नहीं किया जा सकता’
एनआरसी, बेरोजगारी, फेक न्यूज, मीडिया की स्वतंत्रता, किसान, राष्ट्रवाद समेत तमाम मुद्दों पर उन्होंने अपने तथ्यों और तर्कों से बीजेपी सरकार की जमकर आलोचना की.
2019 लोकसभा चुनाव के बारे में महुआ मोइत्रा ने कहा कि ये पूरा चुनाव वॉट्सऐप और फेक न्यूज पर लड़ गया. उन्होंने 7 बिंदुओं के जरिए बताने की कोशिश की कि कैसे बीजेपी सरकार का रवैया 'तानाशाही' है.
- मजबूत और कट्टर राष्ट्रवाद से देश के सामाजिक ताने-बाने को आधात पहुंचा है. इस तरह के राष्ट्रवाद का नजरिया काफी संकीर्ण और डराने वाला है.
- देश में मानव अधिकारों के हनन की कई घटनाएं घट चुकी हैं. सरकार के हर स्तर पर मानव अधिकारों का हनन हो रहा है. देश में ऐसा माहौल बनाया गया है जिसमें नफरत के आधार पर हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं.
- महुआ ने संसद में मीडिया के सरकारी नियंत्रण पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मीडिया को उस हद तक नियंत्रित किए जाने की कोशिशें हो रही हैं जितना सोचा भी नहीं जा सकता.
- देश में राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर शत्रु खड़ा करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है. ‘हर कोई इस बेनामी ‘काले भूत’ से डर रहा है.
- सरकार और धर्म के एक दूसरे से संबंधो पर भी उन्होंने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सिटिजन अमेंडमेंट बिल के जरिए एक खास समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.
- इस सरकार ने सभी बुद्धिजीवियों और कलाकारों का तिरस्कार किया है. मोदी सरकार ने विरोध को दबाने की सारी कोशिशें की हैं.
- उन्होंने दावा किया 2019 के चुनावों में 60 हजार करोड़ खर्च हुए और सिर्फ एक पार्टी ने इसका 50% फीसदी खर्च किया.
लोकसभा में महुआ मोइत्रा के भाषण का वीडियो
कौन हैं महुआ मोइत्रा?
जेपी मॉर्गन में काम कर चुकीं बैंकर महुआ मोइत्रा न्यूयॉर्क में अपनी शान-ओ-शौकत भरी जिंदगी को छोड़कर राजनीति में आईं. पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से TMC के टिकट पर उन्होंने 2019 का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी के कल्याण चौबे को करीब 63 हजार वोटों से हराया.
महुआ ने 2008 में पॉलिटिक्स में कदम रखा. उनकी शुरुआत तो कांग्रेस से हुई, लेकिन जल्द ही उनका कांग्रेस से मोह भंग हो गया. मोइत्रा ने 2010 में टीएमसी जॉइन की.
ममता की उम्मीदों पर खरी उतरीं महुआ
टीएमसी की सदस्य बनने के बाद ममता बजर्नी ने उन्हें पहली बार 2016 में करीमपुर से विधानसभा चुनाव लड़ाया और उन्होंने वहां जीत दर्ज की. उनके बैकग्राउंड और लाइफस्टाइल को देखते हुए टीएमसी के कुछ नेताओं का कहना था कि वो बंगाल की जमीनी पॉलिटिक्स के लिए फिट नहीं हैं. लेकिन करीमपुर की जीत ने ऐसे लोगों की बोलती बंद कर दी.
अपने चुनाव क्षेत्र को चमका कर बनाई जगह
करीमपुर से विधायक बनने के बाद महुआ मोइत्रा ने अपने बैंकिंग क्षेत्र से होने का फायदा उठाते हुए क्षेत्र में करीब 150 करोड़ रुपए का निवेश कराया. ममता बनर्जी ने महुआ का काम देखते हुए उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की कृष्णा नगर सीट से टिकट दिया.
कई बार बीजेपी ने उन्हें बंगाल में ‘बाहरी’ बताने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपने पैतृक संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें बंगाल में काम करने में कोई दिक्कत नहीं है.
महुआ मोइत्रा सिर्फ पॉलिटिक्स तक सीमित नहीं है. उन्होंने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सरकारी सर्विलांस के खिलाफ याचिका लगाई थी.
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