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हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर क्यों नहीं किया जा सकता? - CM योगी 

बिहार के बाद BJP की निगाहें तेलंगाना, पश्चिम बंगाल की तरफ हैं और योगी आदित्यनाथ को इसके लिए मोर्चे पर लगाया गया है

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बिहार के बाद अब बीजेपी की निगाहें तेलंगाना, पश्चिम बंगाल की तरफ हैं और योगी आदित्यनाथ को इसके लिए मोर्चे पर लगाया गया है. फिलहाल, यूपी के सीएम हैदराबाद में निकाय चुनाव (ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपिल कॉरपोरेशन) के लिए मौजूद हैं. योगी आदित्यनाथ ने यहां रैलियां शुरू की हैं, जिसे एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के लिए चुनौती बताया जा रहा है.

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हैदराबाद-भाग्यनगर

इस बीच नाम बदलने की वजहों से भी सुर्खियों में रहने वाले योगी आदित्यनाथ ने हैदराबाद में भी ऐसा ही दांव खेला और हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने की बात कही. उन्होंने अपने शासन के दौरान प्रयागराज और अयोध्या जैसे उदाहरणों को गिनाते हुए कहा-

हमसे पूछ रहे थे कि क्या अहमदाबाद भाग्यनगर हो सकता है. हमने कहा क्यों नहीं, उन्होंने पूछा- कैसे. हमने कहा देखिए- यूपी में बीजेपी की सरकार आई तो हमने फैजाबाद को अयोध्या कर दिया. हमने इलाहाबाद को प्रयागराज कर दिया. वहां पर गंगा-यमुना दो पवित्र नदियां मिलती हैं, प्रयागराज ही पौराणिक नाम था. तो इसका नाम भाग्यनगर क्यों नहीं हो सकता.

TRS-AIMIM का नापाक गठबंधन: योगी आदित्यनाथ

हैदराबाद में इस रैली के दौरान योगी आदित्यनाथ ने एआईएमआईएम के साथ ही साथ टीआरएस पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी पूरी मजबूती के साथ अपने चुनाव घोषणा पत्र के माध्यम से आपके बीच उपस्थित हुई है, विकास के लिए इस बात बीजेपी को चुना जाना चाहिए.

TRS और AIMIM का नापाक गठबंधन बना है, ये यहां (हैदराबाद) के विकास में बाधा बन रहा है. यहां का प्रत्येक नागरिक, व्यापारी परेशान है. यहां की सरकार और कॉर्पोरेशन में जो लोग रहे हैं उनका विकास और जनता की बुनियादी सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं हैं.
योगी आदित्यनाथ

पहली बार चुनाव लड़ रही है BJP

ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपिल कॉरपोरेशन का चुनाव बीजेपी पहली बार लड़ रही है. यहां चुनाव बीजेपी और टीआरएस के बीच माना जा रहा है. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम करीब 24 विधानसभा सीट में फैला है और इसका सालाना बजट करीब साढ़े पांच हजार करोड़ है. तेलंगाना की जीडीपी का बड़ा हिस्सा यहीं से आता है.

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