रेयान इंटरनेशनल स्कूल का बस कंडक्टर अशोक कुमार जेल से 76 दिन बाद रिहा हो गया है. घर आने के बाद अशोक ने कई खुलासे किए हैं. अशोक ने बताया कि उसने जेल में काफी दर्द सहा. उसे जुर्म कबूलने के लिए पुलिस ने खूब टॉर्चर किया.
अशोक की पत्नी ने बताया, -'पुलिस अशोक को मारती थी, उल्टा लटका देती थी और जुर्म कबूलने के लिए उसे यातनाएं देती थी’.
8 सितंबर को प्रद्युम्न की हत्या के बाद बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस ने उस वक्त ये दावा किया था कि अशोक ने जुर्म कबूल कर लिया है. लेकिन सीबीआई की जांच में अशोक के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले, जिसके बाद अब उसे रिहा कर दिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि परिवार के एक सदस्य ने कहा कि हरियाणा पुलिस उसे थर्ड डिग्री देती थी और उसे नशा भी दिया.
अशोक पर 7 साल के प्रद्युम्न की हत्या आरोप था. प्रद्युम्न की 8 सितंबर को गला रेंतकर हत्या कर दी गई थी और उसका शव स्कूल के टॉयलेट में मिला था.
अशोक को बनाया गया बलि का बकरा!
स्कूल स्टॉफ के दो सदस्यों और अशोक के परिवार (पिता अमीरचंद) का दावा है कि गरीब परिवार से होने के कारण अशोक को 'बलि का बकरा' बनाया गया.
अमीरचंद ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने उनके बेटे को अपराध कबूलने के लिए नशीला पदार्थ दिया और उसपर बेरहमी से अत्याचार किए. मंगलवार को जज रजनी यादव ने अशोक को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी.
कक्षा-11 का छात्र गिरफ्तार
बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 22 सितंबर को प्रद्युम्न हत्या मामले को में उसी स्कूल के कक्षा-11 के छात्र को गिरफ्तार किया था.
सीबीआई के मुताबिक, सीनियर छात्र ने अपने जूनियर की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी, क्योंकि वो पीटीएम और स्कूल की परीक्षा को टालना चाहता था.
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