"आज उसने मुझे जान से मारने की कोशिश की"
"वह मुझे डराता है, ब्लैकमेल करता है कि मार डालेगा"
"मेरे टुकड़े-टुकड़े करके फेंक देगा"
ये डर श्रद्धा वालकर (Shraddha Walker) का था. साल 2020 में उसने महाराष्ट्र के वसई में पुलिस के पास यही शिकायत दर्ज कराई थी. 2 साल बाद श्रद्धा का डर सही साबित हुआ. श्रद्धा के शिकायत पत्र पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, अगर सही समय पर कार्रवाई होती तो वह बच जाती. जब वसई पुलिस पर सवाल उठा तो वहां से भी जवाब आया. क्रमवार तरीके से पूरा अपडेट समझते हैं.
श्रद्धा ने लेटर में क्या लिखा?
"मैं श्रद्धा, विकास वालकर, उम्र 25, आफताब अमीन पूनावाला, उम्र 26 फोन नंबर- 7972**15**, 8177**32** अभी B-302 रिगल अपार्टमेंट, विजय विहार कॉम्प्लेक्स (एआरसी भवन के पास) के बारे में रिपोर्ट करना चाहती हूं कि वह मेरे साथ गाली गलौज और मारपीट करता है. आज उसने मुझे जान से मारने की कोशिश की और वह मुझे डराता है, मुझे ब्लैकमेल करता है कि वह मुझे मार डालेगा, मेरे टुकड़े-टुकड़े करके फेंक देगा. वह मेरे साथ पिछले छह महीने से मारपीट कर रहा है लेकिन मुझमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं पुलिस में उसकी शिकायत कर सकूं क्योंकि वह मुझे जान से मारने की धमकी दे रहा था."
"आफताब के माता-पिता उसके हिंसक व्यवहार के बारे में जानते हैं और ये भी जानते हैं कि उसने मुझे जान से मारने की धमकी दी है. वह ये भी जानते हैं कि हम एक साथ रहते हैं और वे उससे मिलने के लिए हफ्ते में एक बार घर भी आते हैं. मैं अब भी उसी के साथ रह रही हूं क्योंकि हम आने वाले दिनों में शादी करने वाले हैं. लेकिन अब मैं उसके साथ नहीं रहना चाहती लेकिन वो मुझे मारने की धमकी दे रहा है. जहां भी वो मुझे देखेगा वहां मारेगा."
वहीं श्रद्धा के माता-पिता उसके संपर्क में नहीं थे क्योंकि वे इस विवाह के खिलाफ थे. उन्होंने श्रद्धा और आफताब के रिश्ते को नहीं स्वीकारा था.
"समय पर कार्रवाई होती तो हत्या को टाल सकते थे"
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने श्रद्धा के शिकायत पत्र पर कहा, इस मामले में जांच की जरूरत है. किसी को दोष दिए बिना, हमें सच्चाई जानने की जरूरत है. अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, तो हत्या को टाला जा सकता था.
महाराष्ट्र पुलिस ने श्रद्धा की शिकायत पर क्यों कार्रवाई नहीं की थी?
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, महाराष्ट्र पुलिस ने बुधवार को कहा कि 2020 में श्रद्धा वाकर की शिकायत के आधार पर उन्होंने जांच शुरू की थी, लेकिन लिखित में मामला वापस लेने के बाद मामला बंद कर दिया गया था. रिपोर्ट के अनुसार डीसीपी, सुहास बावचे ने कहा कि श्रद्धा ने अपने लिखित बयान में कहा था कि "उनके और आफताब पूनावाला के बीच विवाद सुलझा लिया गया है.
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