उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने होंगे. जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य की शिवराज सरकार को निर्देश दिए हैं कि पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले एक महीने में खाली कराए जाएं.
चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय शुक्ला की बेंच ने उस नियम को असंवैधानिक बताया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी आजीवन सरकारी आवास और सुविधाएं देने का प्रावधान था.
इन्हें खाली करना होगा सरकारी बंगला
कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उमा भारती, कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर को सरकारी बंगला खाली करना होगा. हाईकोर्ट ने पिछले साल दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ये फैसला सुनाया. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नियम के विरुद्ध सरकारी आवासों में रह रहे हैं.
प्रदेश सरकार ने इस मामले की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश वेतन भत्ता अधिनियम में 2017 में संशोधन किया था और पूर्व मुख्यमंत्रियों को वर्तमान मंत्रियों के समान वेतन-भत्ते और आवास की सुविधा देने का प्रावधान जोड़ दिया था. इस संशोधन की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता ने कहा था कि ये समानता के अधिकार का उल्लंघन है.
SC के आदेश के बाद UP में पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली करना पड़ा बंगला
बता दें पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले खाली करने का आदेश दिया था. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, मायावती, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह ने सरकारी बंगला खाली कर दिया था.
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