राजस्थान (Rajasthan) के अलवर (Alwar) में ओवर ब्रिज पर लहुलुहान मिली मूक बधिर बच्ची के रेप खबर से पुलिस ने इंकार किया है. इस बच्ची को न्याय दिलाने की मांग कर रहे सर्व समाज के लोगों के घरना स्थगित करने के एक दिन बाद अलवर पुलिस का यह बयान आया है.
पुलिस ने औपचारिक रूप से रविवार रात प्रेस नोट जारी कर कहा कि 11 जनवरी 2022 को लहुलुहान हालत में मिली बच्ची के साथ रेप नहीं हुआ है.
यह है पूरा मामला
अलवर पुलिस की तरफ से जारी प्रेस नोट में पूरी घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए पुलिस ने साफ किया कि यह लड़की सड़क हादसे का शिकार हुई है.
हालांकि पुलिस इस मामले में पहले भी रेप के मामले से इंनकार कर चुकी थी. लेकिन औपचारिक रूप से कुछ भी कहने से बच रही थी. इस मामले में लंबी सियासत के बाद 16 जनवरी को राजस्थान सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को भी दी थी. लेकिन सीबीआई ने अभी तक इस मामले को अपने पास नहीं लिया है. घटना के 117 दिन बाद पुलिस ने इस प्रकरण को हादसा बताया है.
जबकि घटना के दिन पुलिस ने बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया था. 11 जनवरी की रात तिजारा ओवरब्रिज पर नाबालिग बच्ची घायल हालत में मिली थी. अलवर एसपी तेजस्वी गौतम ने भी प्रारंभिक बयान में बालिका से रेप होना बताया था.
पुलिस ने जारी बयान में बताया कि बस ड्राइवर भूपेन्द्र सिंह राजपूत, एनईबी और बाईक चालक युनुस के विरूद्ध अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
पुलिस ने बताया कि बालिका के गांव अलापुर से लेकर घटना स्थल तक के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गयी. जयपुर रेंज आईजी ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेते हुए घटना स्थल का निरिक्षण किया गया. गठित एसआईटी की टीम ने इस पूरे मामले की हर एंगल से जांच करते हुए सबूत इकठ्ठा किए और निष्कर्ष पर पहुंचे.
(न्यूज इनपुट्स - पंकज सोनी)
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