मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे को मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी गाड़ी रखने में भूमिका के मामले में 25 मार्च तक NIA हिरासत में भेज दिया गया है. रविवार दोपहर वझे को एक विशेष एनआईए कोर्ट के सामने पेश किया गया. इससे पहले शनिवार की आधी रात को वझे को हिरासत में लिया गया था. एनआईए टीम द्वारा लगभग 12 घंटे की पूछताछ के बाद वझे को गिरफ्तार कर लिया गया. अब इस गिरफ्तारी के बाद विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की ठाकरे सरकार से तीन सवाल पूछे हैं.
एंटीलिया बम धमकी मामले में फडणवीस के तीन सवाल
देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि सचिन वझे की गिरफ्तारी सीधा महाराष्ट्र सरकार पर कई सवालिया निशान खड़े करती है. क्योंकि वझे मामले में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री दोनों ही उसके वकील की तरह बात कर रहे थे.
फडणवीस ने पूछा है -
- मामले में NIA की जांच से गंभीर बातें सामने आ रही हैं, वझे की भूमिका संदिग्ध थी तो सीएम और गृहमंत्री उसका बचाव क्यों कर रहे थे?
- मनसुख हिरेन की मौत भी गंभीर मामला है, उसकी मौत के पीछे कौन है? मकसद क्या था, इसकी जांच NIA करे तो सच सामने आएगा.
- शिवसेना की सरकार बनते ही वझे को पुलिस फोर्स में वापस लिया गया और उसे मुंबई क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट जैसे महत्वपूर्ण विभाग का प्रमुख बनाया गया. सरकार ने ऐसा क्यों किया? इसकी भी जांच हो.
इसी के साथ देवेंद्र फडणवीस का दावा है कि जब वो मुख्यमंत्री थे तो निलंबित चल रहे सचिन वझे को पुलिस फोर्स में लेने के लिए शिवसेना के कुछ नेताओं ने उनसे अपील की थी.
उस वक्त पता चला कि उसका निलंबन हाईकोर्ट ने किया है, ऐसे में निलंबन वापस लेना सही नहीं था लेकिन शिवसेना ने सरकार में आते ही कोरोना को वजह बताकर वझे को वापस ले लिया.देवेंद्र फडणवीस
बता दें कि इस पूरे मामले में शिवसेना ने केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की आलोचना की है. उधर बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख और मुंबई के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को बर्खास्त करने की मांग की.
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