असम-मिजोरम (Assam-Mizoram) पुलिस के बीच बॉर्डर पर हुई झड़प के बाद विवाद गहराता जा रहा है. मिजोरम पुलिस द्वारा FIR दर्ज करने पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि मामले की जांच एक तटस्थ एजेंसी से क्यों नहीं कराई जा रही है. दूसरी तरफ राहुल गांधी ने इसका ठीकरा पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर फोड़ा है.
मामले की तटस्थ एजेंसी करे जांच- सीएम हिमंता सरमा
मिजोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री और अन्य छह लोगों पर वैरेंगटे पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है. इन पर आईपीसी की धारा 307 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम हिमंता सरमा ने ट्वीट किया कि
" किसी भी जांच में शामिल होने में बहुत खुशी होगी. लेकिन मामला एक तटस्थ एजेंसी को क्यों नहीं सौंपा जा रहा, खासकर जब घटना की जगह असम के संवैधानिक क्षेत्र के भीतर है? यह बात मैंने मिजोरम के मुख्यमंत्री को पहले ही बता दिया है"
असम पुलिस ने भी मिजोरम से एकमात्र राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना को भड़काऊ भाषण देने के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया है और असम पुलिस ने उनके दिल्ली स्थित आवास पर एक नोटिस भी चिपका दिया है.
"ना राष्ट्रीय सीमा सुरक्षित, ना राज्य सीमा" - राहुल गांधी
असम-मिजोरम सीमा विवाद और वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति को लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा शासन के तहत ना तो राष्ट्रीय सीमा सुरक्षित है और ना ही राज्य सीमा.
" ना राष्ट्रीय सीमा सुरक्षित,ना राज्य सीमा. विवादों व दंगों को हमारे देश की पवित्र भूमि में बीज की तरह बोया जा रहा है- इसका परिणाम भयानक है और होगा"
असम के विधायक आ रहे साथ
असम के बराक घाटी में 30 जुलाई को हुई सर्वदलीय बैठक में क्षेत्र के लगभग सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री हिमंता सरमा को पार्टी लाइन से पार जाकर अपना समर्थन दिया.
कछार के संरक्षक मंत्री अशोक सिंघल ने सर्वदलीय बैठक के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि "सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और सरकार द्वारा की गई पहल का तहे दिल से समर्थन किया जाए"
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