उत्तर प्रदेश के बदायूं में गैंगरेप की शिकार हुई 50 साल की महिला के पति को पत्नी की मौत से मानसिक आघात पहुंचा है. पति को इलाज के लिए बरेली के मानसिक अस्पताल में दाखिल किया गया है. उनके दामाद ने मीडिया को बताया कि कुछ दिनों पहले वो चिल्लाकर अपनी पत्नी के बारे में पूछ रहे थे और उसकी तलाश में भटक रहे थे.
3 जनवरी को बदायूं में उघैती के एक गांव में आंगनबाड़ी सहायिका की गैंगरेप के बाद अमानवीय तरीके से हत्या कर दी गई थी.
दामाद ने बताया कि “जब वह नहीं मिली तो, वो घर में रखे एक बर्तन को उठाकर बाहर भाग गए. हम उन्हें वापस लाने में कामयाब रहे, लेकिन फिर उन्होंने दीवार पर अपना सिर पीटना शुरू कर दिया.” उनके दामाद ने कहा कि वो सदमे में हैं क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी का खून से लथपथ शरीर देखा है.
बदायूं के एसएसपी संकल्प शर्मा ने कहा कि महिला के पति का परिवार मदद के लिए पहुंचा, जिसके बाद पुलिस टीम के साथ एंबुलेंस भेजी गई. एसएसपी ने कहा, "उन्हें पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां कोई मनोचिकित्सक नहीं था. उन्हें फिर बरेली ले जाया गया."
बरेली के मानसिक अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि पति को मानसिक आघात हुआ है और उन्हें इलाज की जरूरत है. डॉ. सी.पी. मल्ल ने कहा, उनका इलाज शुरू कर दिया गया है. पुलिस ने मानसिक स्वास्थ्य सहायता देने के बारे में परिवार से बात की है.
मुख्य आरोपी गिरफ्तार
3 जनवरी की शाम 50 साल की आंगनबाड़ी सहायिका मंदिर में पूजा करने गई थी. इस दौरान मंदिर में मौजूद महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम और ड्राइवर जसपाल ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद इसी रात आरोपी अपनी गाड़ी से आंगनबाड़ी सहायिका के खून से लथपथ शव उसके घर फेंक कर फरार हो गए.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि महिला के प्राइवेट पार्ट में गंभीर जख्म थे और उसकी एक टांग भी टूटी हुई थी.
पुलिस ने इस गैंगरेप के मुख्य आरोपी, मंंदिर के महंत को 7 जनवरी देर रात गिरफ्तार किया. पुलिस पर मामले में लापरवाही बरतने के भी आरोप लगे थे.
(IANS के इनपुट्स के साथ)
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