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छठ पूजा पर बिहार सरकार के दिशा निर्देश, पूरा ब्योरा

महापर्व छठ पूजा इस बार 18 -20 नवंबर के बीच मनाया जाएगा. प्रशासन से लेकर आम जनता सभी तैयारियों में जुट चुके हैं.

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बिहार का लोकप्रिय महापर्व छठ पूजा इस बार 18 से 20 नवंबर के बीच मनाया जाएगा. प्रशासन से लेकर आम जनता तक सभी तैयारियों में जुट चुके हैं. चुनाव के बाद बिहार में ये दूसरा सबसे बड़ा आयोजन होने जा रहा है. इस महापर्व को लेकर बिहार की जनता का क्रेज दोगुना देखने को मिलता है. इस बार कोरोना की वजह से कई विशेष बातों को ध्यान में रखने की हिदायत दी गई है. रविवार को बिहार सरकार के गृह विभाग ने कन्टेनमेंट जोन के बाहर छठ पूजा के आयोजन के लिए गाइडलाइन जारी की है.

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  • जिला प्रशासन स्थानीय छठ पूजा समिति, नागरिक इकाईयों, वार्ड पार्षदों और त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम करेगा. साथ ही कोरोना संक्रमण से बचने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की जरूरी गाइडलाइंस का प्रचार प्रसार भी करेगा.
  • जाहिर है इस पर्व पर गंगा और अन्य नदियों के तट पर भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी मुश्किल हो जाएगा. इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रेरित किया जाए कि वो सुबह और शाम की पूजा अपने घरों में ही करें. ताकि घाटों पर अधिक भीड़ और संक्रमण को रोका जा सके.
  • प्रमुख नदियों से लोग अगर पूजा के लिए जल लेकर जाना चाहें तो जिला प्रशासन इसको रेगुलेट करते हुए जल ले जाने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें लेकिन इस दौरान मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो किया जाना चाहिए. गांव और कसबों में छोटे तालाबों पर पूजा के दौरान मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करना आवश्यक है.
  • गांव और शहरों में घाटों पर अर्ध्य के पहले और बाद में सैनिटाईजेशन का काम नगर निकाय और ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होगी. इसके लिए नगर विकास , आवास विभाग और पंचायती राज विभाग गाइडलाइन जारी करेगा.
  • छठ पूजा समिति/मेला समिति प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ बैठक कर के कोरोना संक्रमण के पहलुओं और सावधानियों के बारे में बताना चाहिए.
  • जिन तालाबों पर अर्ध्य की अनुमति है वहां सावधानी और जागरूकता का प्रचार प्रसार करना चाहिए. पब्लिक एड्रेस सिस्टम का यूज कर के लोगों को जागरुक करना चाहिए.
  • छठ पूजा के आयोजकों, कार्यकर्ताओं और अन्य अन्य लोगों को गाइडलाइंस फॉलो करना अनिवार्य है.
  • घाटों और पूजा के जगहों पर मौजूद बैरिकेडिंग और अन्य चीजों को समय- समय पर सैनिटिज करना जरूरी है.
  • आम जनता को अधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों के बारे में समय - समय पर जानकारी दी जाए . ताकि अधिक भीड़ को रोका जा सके.
  • पूजा परिसर पर किसी भी स्थान पर थूकना मना है.
  • अर्घय के दौरान डुबकी न लें साथ ही बैरिकेडिंग इस प्रकार की जाए की लोग डुबकी न ले सके.
  • छठ पूजा के स्थान पर बैरिकेडिंग इस प्रकार की जाए की लोगों के बीच दो गज की दूरी बनी रहे. मास्क का प्रयोग अनिवार्य है.
  • पूजा स्थल पर कही भी खाने पीने के स्टॉल नहीं लगाए जाएंगे.
  • कोई प्रसाद या भोग भी लोगों में बाटने की अनुमति नहीं है.
  • 10 वर्ष से कम उम्र और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, बुखार या अन्य किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को घाट पर आने की मनाही है.
  • किसी भी तरह का फंक्शन, मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाने की अनुमति नहीं है.
  • प्रशासन और आयोजक सैनिटाइजर की व्यवस्था करेंगे साथ ही कोशिश की जाएगी की वाहनों के आवागमन पर रोक लगाई जा सके.
  • जिला प्रशासन और आयोजक इन गाइडलाइंस और बचाव के बारे में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करेंगे ताकि लोग इनका खुद से पालन करेंगे.
  • मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी/बल एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की मौके पर ड्यूटी लगाई जाएगी.
  • सभी जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक (रेल सहित) गाइडलाइंस के ठीक से पालन किए जाने की जांच करेंगे.
  • दण्ड - गाइडलाइंस का पालन न करने वालों के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-60 के प्रावधानों के अतिरिक्त आईपीसी की धारा 188 और अन्य धाराओं के अधीन कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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