बिहार की राजधानी पटना में तीन महीने पहले भीड़ ने एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. उस घटना में आधिकारिक तौर पर कृष्णा मांझी नाम के शख्स को मृत घोषित कर दिया गया था. करीब तीन महीने बाद कृष्णा मांझी अब अपने घर वापस आ गए हैं. अब पुलिस मॉब लिंचिंग में मारे गए असली शख्स की पहचान करने की कोशिश में लगी है.
10 अगस्त को पटना के माहमतपुर गांव में बच्चा चोरी के आरोप में भीड़ ने एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
'मृतक' घोषित किए जा चुके कृष्णा मांझी की अचानक वापसी ने उनके गरीब परिवार में खुशी ला दी है. मांझीअपने परिवार में एकमात्र कमाने वाले शख्स थे. साथ ही इस घटना ने पुलिस जांच पर बड़ा सवालिया निशान भी खड़ा कर दिया है.
कृष्णा मांझी की पत्नी रुडी देवी ने कहा, "मैं उनकी बॉडी नहीं पहचान सकी थी. गांवों वालों ने दावा किया था कि वह मेरे पति थे क्योंकि उन्होंने मेरे पति जैसे कपड़े पहन रखे थे. अब मेरे पति जिंदा सही सलामत वापस घर लौट आए हैं."
इस घटना पर पुलिस ने क्या कहा
पटना के निसारपुर गांव के रहने वाले कृष्णा मांझी को पुलिस ने मॉब लिंचिंग की घटना में मृत घोषित कर दिया था. मांझी के परिवार ने उनके काफी लंबे समय से गायब होने की रिपोर्ट लिखवाई थी. पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने परिवार को बॉडी हेंडओवर कर दी गई थी.
पटना के एसएसपी गरिमा मलिक ने कहा, "10 अगस्त 2019 को नौबतपुर पुलिस स्टेशन के इलाके में एक मॉब लिंचिंग की घटना हुई थी. कृष्णा मांझी के परिवार ने बॉडी की पहचान की थी. अब कृष्णा मांझी अपने घर लौट आए हैं."
मलिक ने ये भी कहा कि 'अब हम उस शख्स की पहचान करेंगे, जिसकी मॉब लिंचिंग में मौत हुई थी. इस मामले की जांच पश्चिम पटना के एसपी को सौंपी गई है.'
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