देश के कई राज्यों में फैल चुके बर्ड फ्लू का पहला केस उत्तर प्रदेश में भी सामने आया है. यूपी के कानपुर में बर्ड फ्लू का पहला मामला सामने आया है. चार दिन पहले कानपुर के चिड़ियाघर में मृत पाई गई जंगली मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, जिसके बाद अब प्रशासन हाई अलर्ट पर है. चिड़ियाघर सभी बाड़ों में मौजूद पक्षियों को रविवार शाम तक मारने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही चिड़ियाघर से एक किमी तक के एरिया को कन्टेंटमेंट जोन घोषित कर दिया गया हैं. इतना ही नहीं 10 किमी के दायरे में मांस की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद 15 दिनों के लिए चिड़ियाघर को बंद भी कर दिया गया था, लेकिन अब अनिशिचतकाल के लिए जू को बंद किया गया है. किसी को भी चिड़ियाघर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
फिलहाल चिड़ियाघर में स्वास्थ विभाग की टीम मौजूद है और पक्षियों को मारने की तैयारी की जा रही है. जानकारी के मुताबिक पहले मुर्गियों और तोतों को खत्म किया जाएगा, उसके बाद बत्तख और अन्य पक्षियों को मारने की तैयारी है. चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक, यह दुखद है लेकिन प्रोटोकॉल के तहत यह करना ही होगा. रविवार शाम तक सभी पक्षियों को मारने के निर्देश दिए गए हैं.
6 जनवरी को हुई थी पक्षियों की मौत
चिड़ियाघर परिसर में 6 जनवरी को चार पक्षी मृत पाए गए थे, जिसके बाद नमूनों को उच्च सुरक्षा के बीच भोपाल में पशु रोग प्रयोगशाला में भेजा गया था. वहीं, शनिवार को आई रिपोर्ट में मृत पंक्षियों में एच -5 स्ट्रेन बर्ड फ्लू की मौजूदगी की पुष्टि हुई. इसके अलावा सोनभद्र, बाराबंकी, अयोध्या और झांसी में कौवे मृत पाए गए थे. इनका सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजा गया है. इसकी रिपोर्ट आने में एक-दो दिन का समय लग सकता है.
कानपुर में जिला प्रशासन ने सभी पोल्ट्री फार्मों को संक्रमण से मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और मीट की दुकानों का निरीक्षण करने के लिए टीमों का गठन किया गया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि बर्ड फ्लू के लिए सावधानियां कोविड के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल के समान हैं.
उन्होंने कहा, “कोविड से भी अधिक खतरनाक इस वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में मास्क, सामाजिक दूरी और स्वच्छता मदद करेगा.”
UP में बर्ड फ्लू से निपटने की तैयारी
देश में बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए, यूपी सरकार ने पहले ही बचाव के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. चिड़ियाघरों में मांसाहारी जानवरों के खाने के लिए लाई जाने वाली मुर्गियों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में निर्देश जारी किए हैं और जिला मजिस्ट्रेटों को यह देखने के लिए कहा है कि अन्य प्रभावित राज्यों के पोल्ट्री उत्पाद राज्य में प्रवेश न करें.
सरकार के निर्देश में कहा गया है कि मुर्गी और अंडे को खुले वाहनों में नहीं ले जाया जाना चाहिए और मुर्गी बेचने वाले बाजार सप्ताह में एक बार बंद होने चाहिए. साथ ही अलग-अलग जगहों से चिड़ियों की बीट और उनके रिहायश की मिट्टी को जांच के लिए भेजा जा रहा है.
(IANS के इनपुट्स के साथ)
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