“वे राष्ट्रीय ध्वज का भी सम्मान नहीं करते, मेरा बेटा अपने हाथ में तिरंगा लेकर चल रहा था, फिर भी उन लोगों ने उसे मार डाला.” ये कहना था 18 साल के एक युवक आमिर हंजला के पिता सोहेल अहमद का जो फुलवारी शरीफ के हारुन नगर सेक्टर 3 में रहते हैं.
आमिर की हत्या कर दी गई थी?
उनका बेटा 18 वर्षीय अमीर हंजला 21 दिसंबर को पटना के बाहरी इलाके में फुलवारीशरीफ में नागरिकता संशोधन के विरोध में भाग ले रहा था,उस दिन पटना के फुलवारीशरीफ में हिंसा हुई थी. दो गुटों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई
टेलीग्राफ पर छपी खबर के मुताबिक, जुलूस के दौरान की कुछ तस्वीरें और वीडियो मिलें हैं उसमें आमिर,जीन्स और लाल स्वेटशर्ट पहने, हाथ में तिरंगा थामे दिखता है. वो ही उसकी आखिरी तस्वीर थी. उसके बाद मिली तो उसकी लाश, वो भी 10 दिनों के बाद.
घटना के 10 दिनों बाद 31 दिसंबर को पुलिस ने हिंसा वाली जगह के पास से ही एक गड्ढे से आमिर का शव बरामद किया. आमिर के शरीर पर चोट के गहरे निशान थे. उसके सिर को कुचल दिया गया था, शरीर के हिस्सों पर चाकू से भी वार किया गया था. आमिर की हत्या कर दी गई थी.
घटनास्थल के पास एक स्कूल है सरस्वती विद्या मंदिर के नाम से. वहां पर आरएसएस और बजरंग दल वालों का ऑफिस भी है.
सबको पता है उसे किसने मारा: सोहेल
“किस तरह लोग तिरंगे को पकड़े हुए एक लड़के को मार देंगे ? आप उस दिन के प्रदर्शन के फोटो और वीडियो देख सकते हैं. वह गर्व के साथ तिरंगा लहरा रहा था. हर कोई जानता है कि उसे आरएसएस और बजरंग दल के लोगों ने मारा है ,जो उस क्षेत्र में रहते हैं. ”सोहेल अहमद, आमिर हंजला के पिता
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पटना प्रांत प्रमुख राजेश कुमार पांडेय ने कहा: “आरोप लगाना उनका काम है .अगर कोई अपराध हुआ है, तो उसकी जांच होनी चाहिए. पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए. ”
“अगर वे हमारी भागीदारी का आरोप लगा रहे हैं, तो उन्हें लोगों (हत्यारों) का नाम लेना चाहिए. आरएसएस और बजरंग दल कभी किसी हिंसक गतिविधि में शामिल नहीं हुए हैं. ”राजेश कुमार पांडेय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पटना प्रांत प्रमुख
एक कमाने वाला था, वो भी गया : सोहेल अहमद
सात भाई-बहनों में चौथे नंबर के अमीर ने अपनी दसवीं कक्षा पास करने के बाद बैग बनाने वाली कंपनी में काम शुरू कर दिया. अपने परिवार में एक वो ही था जो पैसे कमाता था. वह 21 दिसंबर को काम के लिए रवाना हुआ था, मगर कंपनी बंद होने के कारण वो वापस लौट गया. लौटते समय वो CAA प्रोटेस्ट म शामिल हुआ जहां उसे आखरी बार देखा गया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)