केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केरल के शहरों में रेस्टोरेंट खोलने, बस यात्रा की अनुमति देने और निगम के इलाकों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) उद्योगों को खोलने के वहां की सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है.
मंत्रालय ने कहा है कि यह लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों को हल्का करने के बराबर है. हालांकि केरल सरकार का कहना है कि इस मामले में कहीं गलतफहमी हुई है.
गृह मंत्रालय ने केरल सरकार को लेटर लिखकर कहा कि राज्य सरकार ने 17 अप्रैल को बंद संबंधी उपायों के लिए संशोधित निर्देशों को जारी किया जिसमें उन गतिविधियों की इजाजत दी गई जो केंद्र द्वारा 15 अप्रैल को जारी संगठित संशोधित निर्देशों के तहत प्रतिबंधित हैं.
केरल सरकार ने जिन अतिरिक्त गतिविधियों को अनुमति दी है उनमें स्थानीय वर्कशॉप, बार्बर शॉप, रेस्टोरेंट, पुस्तक भंडार, नगर निकाय के तहत आने वाले एमएसएमएई, शहरों और कस्बों में थोड़ी दूरी की बस यात्रा, चार पहिया वाहन की पिछली सीट पर दो यात्रियों और स्कूटर पर पिछली सीट पर बैठकर यात्रा करना शामिल है.
केरल सरकार ने दो क्षेत्रों में COVID-19 के संबंध में लागू लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील देने की घोषणा की है जिसके तहत 20 अप्रैल से ऑड-ईवन के आधार पर निजी वाहनों समेत बाकी को, होटलों में बैठकर खाना खाने की सेवा शुरू करने की अनुमति दी गई है.
इस मामले पर केरल के पर्यटन मंत्री के. सुरेंद्रन ने कहा, ''हमने केंद्र के दिशा निर्देशों के मुताबिक ही छूट दी है. मुझे लगता है कि कुछ गलतफहमी है, जिसके आधार पर केंद्र ने स्पष्टीकरण मांगा है. एक बार जब हम स्पष्टीकरण दे देंगे, तो यह सब सुलझ जाएगा.''
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक लेटर लिखकर भी कहा है कि वे डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत दिशा निर्देशों को हल्का न करें और कड़ाई से उनका पालन करें. इस लेटर पर 19 अप्रैल की तारीख दर्ज है.
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