महाराष्ट्र (Maharashtra) के एमवीए सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री असलम शेख (Aslam Sheikh) ने अपने चुनावी क्षेत्र मलाड के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को शासक टीपू सुल्तान का नाम देने का फैसला किया है. गणतंत्र दिवस के मौके पर इस मैदान का उद्घाटन होना था.
लेकिन बीजेपी (BJP) समेत बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम का जमकर विरोध किया. घटना पर मौजूद पुलिस ने सैकड़ों कार्यकर्तओं को हिरासत में लिया है.
दरअसल, मुंबई के BMC द्वारा पारित प्रस्ताव के बाद इस मैदान को टीपू सुल्तान नाम दिया जा रहा है. इसलिए बीजेपी ने बीएमसी (BMC) में सत्तारूढ़ शिवसेना को निशाने पर लेते हुए हिंदुत्व का मुद्दा छेड़ दिया है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को घेरते हुए बीजेपी ने आरोप लगाया है कि हिंदुओं पर अत्याचार और मंदिरों को तोड़नेवाले टीपू सुल्तान जैसे हिन्दू विरोधी शासक का नाम देने के लिए शिवसेना का समर्थन है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बीजेपी और शिवसेना में कौन असली हिंदुत्ववादी है इसको लेकर तीखी बयानबाजी की होड़ लगी हुई है.
हालांकि, मंत्री असलम शेख ने इन आरोपों का खंडन करते हुए बीजेपी की राजनीति पर सवाल उठाए हैं. असलम शेख का कहना है कि पिछले पच्चीस सालों में मुंबई के कई इलाकों में टीपू सुल्तान का नाम दिया गया है जब बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन बीएमसी की सत्ता में था.
अंधेरी के एक रास्ते को शेर-ए-मैसूर टीपू सुल्तान नाम दिया गया, तब बीजेपी के मौजूदा विधायक और तत्कालीन पार्षद ने अनुमोदन दिया था. तो अगर बीजेपी इस विधायक का इस्तीफा लेगी तो उनका विरोध जायज है वरना सिर्फ खोखली राजनीति है.
इस विवाद में विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी एंट्री लेते हुए कहा है कि किसी भी हालत में वो टीपू सुल्तान का नाम नहीं देने देंगे. बल्कि बीजेपी ने मांग की है कि वो इस मैदान को महाराणा प्रताप या फिर बाल ठाकरे का नाम दें, वे इसका समर्थन करेंगे. बीजेपी जरूरत पड़ने पर इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगी.
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