झारखंड के सरायकेला जिले में रहने वाले 236 कर्मचारी टायो कंपनी में काम करते थे. लेकिन साल 2016 में ये कंपनी अचानक बंद हो गई. लॉकडाउन की वजह से ये 236 परिवार भुखमरी के शिकार हो रहे हैं. 236 कर्मचारी जब टायो कंपनी में कार्यरत थे तो खुशहाल थे. कंपनी बंद होने के बाद दैनिक मजदूरी करते थे लेकिन अब लॉकडाउन में रोटी को तरस रहे हैं. इन मजदूरों ने प्रशासन से मदद मांगी लेकिन उन्हें मदद नहीं मिली.
अब क्विंट ने जब इनकी आवाज उठाई तो सीएम हेमंत सोरेन ने भी आगे बढ़कर इन लोगों तक राहत पहुंचाने का आदेश दिया है. सोरेन ने ट्विटर पर लिखा है.
इस अभूतपूर्व संकट के समय जरूरत है कि हम सब एक दूसरे के प्रति सहानुभूति रखें, खासकर उनके प्रति जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं. डिप्टी कमिश्नर सरायकेल कृपया इस न्यूज रिपोर्ट में बताए गए सभी 236 परिवारों के खाने और राशन कार्ड का जल्द से जल्द इंतजाम कराने के लिए कदम उठाएं.हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
इसके बाद सभी परिवारों को जिला प्रशासन की तरफ से 10-10 किलो राशन उपलब्ध कराया गया.
इससे पहले क्विंट से बातचीत में पूर्व टायोकर्मी अजय शर्मा ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा- "हम लोग जिला प्रशासन के पास बड़ी उम्मीद लेकर गए थे. हमने उन्हें बताया कि हम सभी टायोकर्मी हैं, हम लोगों को 45 महीने से वेतन नहीं मिला है. इस बीच हम अपना पेट चलाने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करने लगे. अब देशभर में 21 दिन चलने वाले लॉकडाउन की वजह से हम भूखे मर रहे हैं."
अब इन्हें मदद मिल चुकी है, उम्मीद है कि आपदा वाले इस हालात से ये परिवार लड़ सकेंगे.
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