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महाराष्ट्र में स्कूलों को खोलने की तैयारी शुरू, ये गाइडलाइन जारी

कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र ने स्कूलों को धीरे-धीरे खोलने की तैयारी शुरू कर दी है.

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कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र ने स्कूलों को धीरे-धीरे खोलने की तैयारी शुरू कर दी है. सीएम उद्धव ठाकरे ने अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद स्कूल शुरू करने के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है. ठाकरे ने कहा कि साल 2020-21 शैक्षणिक सत्र ग्रामीण और गैर-शहरी क्षेत्रों में शुरू किया जा सकता है, वहां कोई कंटेनमेंट जोन नहीं है.

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स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ की मौजूदगी में हुई बैठक में सीएम ने कहा कि डिजिटल एजुकेशन के जरिए छात्रों की पढाई शुरू की जाए. फिजिकल क्लासेज शुरू होने में जुलाई के अंतिम हफ्ते तक का समय लग सकता है. पहली-दूसरी कक्षा के लिए फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है. साथ ही उन्होंने सभी स्कूलों में डिजिटिल रिसोर्सेज मुहैया कराने का निर्देश भी प्रशासन को दिया है.

गाइडलाइंस क्या हैं?

  • स्कूल प्रबंधन समिति की मंजूरी से जिन इलाकों मे रेड जोन नहीं है वहां 9वीं, 10वीं 12वीं स्कूल-कॉलेज जुलाई से शुरू कर सकते हैं.
  • छठी से आठवीं को अगस्त से, तीसरी से पांचवी तक और कक्षा एक और दो की पढ़ाई कब शुरू की जाए, इसका फैसला स्कूल प्रबंधन पर छोड़ने का निर्देश दिया गया है.
  • जहां स्कूल शुरू होना है, वहां स्कूल प्रबंधन से बातचीत के बाद तय होगा कि 3 घंटे की स्कूल हो, ऑड-ईवन तरीके से क्लास हो.
  • एक बेंच पर एक ही छात्र बैठे. क्लास में 20-30 से ज्यादा बच्चे न हों.
  • क्लास में छात्रों के बीच 1 मीटर की दूरी बनी रहे.
  • स्कूलों में बच्चों के हाथ धोने के लिए साबुन-सैनिटाइजर मुहैया कराए जाए.
  • स्कूल पोषण आहार जिन स्कूलों मे दिया जाता है वहां हो सके तो राशन बच्चों के घर पर पहुंचाया जाए या सबसे बात कर स्थानीय स्तर पर फैसला हो.
  • जो मजदूर फिलहाल अपने गांव वापस लौट गए हैं, उनके बच्चों को स्थानीय स्कूलों में दाखिला दिया जाए.

पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा

सीएम ने कहा कि जहां स्कूल नहीं खोले जा सकते वहां, टाटा स्काई और जियो की मदद से पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा. मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने टेलीविजन और रेडियो को प्राथमिकता के रूप में उयोग करने का अनुरोध किया.

शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि पहली और दूसरी कक्षा के बच्चे छोटे हैं, इसलिए उन्हें ऑनलाइन विकल्प नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि तीसरी और पांचवी कक्षा के बच्चों को प्रतिदिन एक घंटे और अगली कक्षा के बच्चों को दो घंटे के लिए ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा प्रदान करने की योजना है.

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