बिहार के दरभंगा स्थित बरही गांव में हाल ही में मारपीट और पत्थरबाजी की घटनाएं होने से तनाव काफी बढ़ गया और कई लोग घायल हो गए. झगड़ा व्यक्तिगत था लेकिन अफवाह फैलाकर इनको साम्प्रदायिक रंग दे दिया गया. इन घटनाओं के बाद फिलहाल गांव में स्थिति काबू में बताई जा रही है, लेकिन फिर भी प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं.
पहली घटना के बारे में CPI (ML) नेता धर्मेंद्र कुमार यादव ने बताया, ''17 अगस्त को ग्रामीण बैंक की आधार शाखा में एक मुस्लिम महिला पैसा निकालने गई थी. उसने 1000 रुपये की निकासी की. लेकिन उसके खाते से 2500 रुपये की निकासी कर दी गई. जब महिला को मैसेज के जरिए पता चला कि उसके खाते से ज्यादा राशि की निकासी हो गई है, तो इस बात पर महिला और आधार शाखा वाले के बीच विवाद हो गया. लेकिन 17 अगस्त को मामला टल गया.''
इसके आगे उन्होंने बताया, ‘’18 अगस्त को उसी शाखा पर कुछ लोग आए और पैसा वापसी को लेकर कुछ बातें हुईं. इसी क्रम में मारपीट की नौबत आ गई और मामला बढ़ गया. इसके बाद दोनों तरफ से गिरफ्तारियां हुईं, स्थिति को शांत कराया गया.’’
दूसरी घटना को लेकर उन्होंने बताया, ''20 अगस्त को बरही के दूसरे मोहल्ले में एक घटना घटी. यह घटना प्रशासन की लापरवाही के चलते घटी, उसकी मौजूदगी में घटी. इस घटना में व्यक्तिगत विवाद के चलते एक लड़के को पीटा गया. इसके बाद विवाद बड़ गया. मगर इस विवाद को दो समुदाय का मामला बताकर अफवाह फैला दी गई. कुछ बाहरी लोग भी इस विवाद में कूद पड़े. एक-दो दुकान जलने की भी रिपोर्ट है. एक-दो लोगों को रास्ते में भी घेरकर पीटा गया.''
सोशल एक्टिविस्ट नजरे ने 18 अगस्त की घटना को लेकर बताया, ''एक महिला गांव में स्थित बैंक के मिनी ब्रांच में पैसा निकलने गई थी. वहां के स्टाफ पर पहले भी पैसे की हेरफेर के इल्जाम लग चुके हैं. इस महिला के पैसों की भी हेरफेर हुई, जिसका उसने विरोध किया. इसके बाद मामले को साम्प्रदायिक रंग दे दिया गया, फिर मामला साम्प्रदायिक हो भी गया. इसके बाद पुलिस ने लोगों को गिरफ्तार किया और दोनों पक्षों को काबू में किया.''
उन्होंने कहा, ‘’मगर 20 अगस्त को यह मामला फिर से उठ खड़ा हुआ. जिसके बाद मारपीट हुई और एक ही परिवार के 5-6 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए.’’
मौजूदा स्थिति को लेकर JDU नेता सुभाष यादव ने कहा, ''अभी स्थिति सामान्य है. यह मामला अफवाह पर भड़का था.'' दरभंगा के केवटी थाने में एसएचओ शिवकुमार यादव के मुताबिक भी दोनों मामले व्यक्तिगत ही थे.
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