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दारुल उलूम के फतवे: बैंककर्मी से शादी नहीं, डिजाइनर बुर्के से तौबा

दारुल उलूम देवबंद के निशाने पर गीता पाठ कर चर्चा में आई मुस्लिम लड़की भी

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देश का अहम इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम फिलहाल 'फॉर्म' में दिख रहा है. दारुल उलूम ने एक के बाद एक कई फतवे जारी कर कई तरह की पाबंदिया लगा दी हैं. अपने अलग-अलग फतवों में संस्थान ने बैंक की नौकरी करने वाले परिवार से शादी नहीं करने का और शरीर के अंगों को जाहिर करने वाले तंग बुरके नहीं पहनने को कहा है.

इतना ही नहीं कृष्ण की वेशभूषा में गीताश्लोक का पाठ करने वाली छात्रा आलिया खान के खिलाफ उलेमाओं ने फतवा जारी किया है. पिछले महीने यूपी में हुए श्रीमद्भागवत गीता के संस्कृत श्लोक गायन की प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में आलिया को दूसरा स्थान मिला था. उसे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित भी किया था.

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बैंक की नौकरी करने वाले परिवार में शादी नहीं

दारुल उलूम के फतवा विभाग दारल इफ्ता ने बैंक की नौकरी करने वाले शख्स के घर में शादी का रिश्ता करने के बारे में पूछे गये सवाल पर बुधवार को फतवा दिया. एक शख्स ने पूछा था कि उसकी शादी के लिये कुछ ऐसे घरों से रिश्ते आये हैं, जहां लड़की के पिता बैंक में नौकरी करते हैं. चूंकि बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह से सूद (ब्याज) पर आधारित है, जो कि इस्लाम में हराम है. इस हालत में क्या ऐसे घर में शादी करना इस्लामी नजरिये से दुरस्त होगा? इस पर दिये गये फतवे में कहा गया ऐसे परिवार में शादी से परहेज किया जाए. हराम दौलत से पले-बढे लोग आमतौर पर सहज प्रवृत्ति और नैतिक रुप से अच्छे नहीं होते. लिहाजा, ऐसे घरों में रिश्ते से परहेज करना चाहिए. बेहतर है कि किसी पवित्र परिवार में रिश्ता ढूंढा जाए.

डिजाइनर बुरका पहनना गुनाह है

दारुल इफ्ता ने एक दूसरे फतवे में कहा है कि मुस्लिम महिलाओं को अंगों को जाहिर करने वाले डिजाइनर बुरके पहनना सख्त गुनाह है, क्योंकि इससे वे बुरी नजर का शिकार होती हैं. फतवे में कहा गया है कि हिजाब के नाम पर डिजाइनर और स्लिम फिट बुरका पहनना हराम है और इस्लाम में इसकी सख्त मनाही है. बुरका ढकने के लिये है, ना कि उसे जाहिर करने के लिये.

‘गीता का श्लोक पढ़ना इस्लाम के खिलाफ’

दारुल उलूम देवबंद ने आलिया के खिलाफ फतवा जारी करते हुए कहा है कि गीता का श्लोक पढ़ना इस्लाम के खिलाफ है. इससे पहले दारुल उलूम के ऑनलाइन फतवा विभाग के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारुकी ने भी इसे इस्लाम विरोधी बताया था.

उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को गीता के श्लोक पढ़ना और श्रीकृष्ण का रूप धारण करने की इस्लाम इजाजत नहीं देता. यह शिर्क (इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी और को भगवान मानने वाला) कहलाता है.

आलिया ने दिया करारा जवाब

आलिया ने कहा, “मैंने कृष्ण की वेशभूषा धारण की. प्रतियोगिता का हिस्सा बनकर गीता पाठ किया. इस्लाम इतना कमजोर नहीं है कि उसे इस्लाम से निकाल दिया जाए. वो भी सिर्फ इसलिए कि मैंने वेशभूषा धारण करके गीता का पाठ किया. उन्होंने फतवा जारी किया है, लेकिन मैं अनुरोध करती हूं कि मुझे राजनीति में न घसीटा जाए.”

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