दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. यहां महज एक महीने पहले हुई नियुक्तियों के बावजूद 32 प्रतिशत से ज्यादा सीट खाली है. RTI के जरिए जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, डीएफएस में फायरमैन के लिए कुल पद 2,367 थे, जिसमें से 1,598 पदों पर नियुक्ति की गई, जबकि 769 पद खाली रह गए. 1598 फायरमैन में से 500 नई नियुक्तियां थी. आरटीआई जवाब के मुताबिक,
“दिल्ली अग्निशमन सेवा का प्रशासनिक नियंत्रण दिल्ली सरकार के पास है, इसकी वेबसाइट के मुताबिक, विभाग के लिए भर्ती करने वाली एजेंसियां संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) और दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड(डीएसएसएसबी) है.”
RTI के जवाब में क्या-क्या कहा गया?
एक वरिष्ठ अग्निशमन अधिकारी ने कहा, "फायरमैन विभाग के अहम कर्मचारी होते हैं. 500 नए नियुक्त कर्मचारियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है और वो विभाग में शामिल हो गए हैं." आरटीआई जवाब के मुताबिक, डीएफएस अग्निशमन कर्मचारी विभाग भी लोगों की कमी से जूझ रहा है. अग्निशमन विभाग (फायर फाइटिंग सेक्शन) के कुल 3,127 पदों में से 913 पद रिक्त हैं. मुख्य अग्निशमन अधिकारी के पांच स्वीकृत पदों में से, तीन पद रिक्त हैं.
आरटीआई जवाब के मुताबिक, "संचार विभाग में भी स्थिति अच्छी नहीं है. रेडियो टेलीफोन आपरेटरों के 100 स्वीकृत पदों में से कुल 65 पद रिक्त हैं. संचार अधिकारी के दो पद और वायरलेस अधिकारी के एक पद भी रिक्त पड़े हैं."
डीएफएस अधिकारियों ने कहा कि विभाग मौजूद संसाधन में अपना काम कर रही है और मौजूद कर्मचारियों को दिल्ली के 61 अग्निशमन स्टेशनों में काम पर लगाया गया है.
अधिकारी ने कहा, "आदर्श रूप में गाड़ी में 6 लोग होते हैं. लेकिन मौजूदा समय में हम चार के साथ काम कर रहे हैं. जहां कहीं भी आग की बड़ी घटना होती है, हमें हर बार ज्यादा वाहनों को भेजना होता है."
लगातार सामने आ रहे हैं आग दुर्घटना के मामले
दिल्ली में 2019 में आग दुर्घटना के कई मामले सामने आए, जिसमें करोलबाग में लगी आग की घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी. डीएफएस की स्थापना 1942 में हुई थी. स्थापना के समय उसके पास 14 उपकरणों के साथ चार अग्निशमन स्टेशन थे. विभाग में उस वक्त कुल 186 कर्मचारी काम करते थे.
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