चुनाव आयोग ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि अयोग्यता के खिलाफ आप विधायकों की याचिका विचार योग्य नहीं है.
आयोग का कहना है कि लाभ का पद होने पर आम आदमी पार्टी के विधायकों की याचिका विचार किए जाने लायक नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए.
जस्टिस संजीव खन्ना और चंद्रशेखर की बेंच को बताया गया कि आप विधायकों ने चुनाव आयोग (ईसी) की सिफारिशों को चुनौती दी है, लेकिन इसकी अब कोई अहमियत नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इन सिफारिशों पर अपना फैसला कर चुके हैं.
आयोग ने कहा कि विधायकों ने राष्ट्रपति के 20 जनवरी के फैसले को चुनौती नहीं दी है, जिसमें सिफारिशों को स्वीकार किया गया था. आयोग विधायकों की उस याचिका पर अपना जवाब दे रहा था, जिसमें दिल्ली विधानसभा से उन्हें अयोग्य ठहराने के फैसले को खारिज करने का अनुरोध किया गया था.
इससे पहले हाई कोर्ट ने 24 जनवरी को केन्द्र की विधायकों को अयोग्य ठहराने की नोटिफिकेशन पर रोक से इनकार किया था, लेकिन ईसी को उपचुनाव के लिए तारीखें घोषित करने जैसा कोई कदम उठाने से रोका था. इसके बाद कोर्ट ने 30 जनवरी को ईसी को सीटें भरने के लिए उपचुनाव की घोषणा जैसे अंतरिम आदेश को 7 फरवरी तक बढ़ाया था.
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