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दिल्ली के बाद अब गोवा-दमन के आर्कबिशप भी बोले- खतरे में संविधान  

आर्कबिशप ने कहा कि मानवाधिकारों पर हमले हो रहे हैं और लोकतंत्र खतरे में नजर आ रहा है.

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गोवा और दमन के आर्कबिशप फादर फिलिप नेरी फेर्राओ ने कहा है कि संविधान खतरे में है और कई लोग असुरक्षा के माहौल में रह रहे हैं. ईसाई समुदाय को लिखे गए एक खत में उन्होंने कहा कि संविधान को ठीक से समझा जाना चाहिए, क्योंकि आम चुनाव करीब आ रहे हैं.आर्कबिशप ने यह भी कहा कि मानवाधिकारों पर हमले हो रहे हैं और लोकतंत्र खतरे में नजर आ रहा है.

फादर फेर्राओ ने 1 जून से पादरी वर्ष (पैस्टोरल ईयर) की शुरुआत के मौके पर जारी किये गए इस खत में गोवा और दमन के ईसाई समुदाय को संबोधित किया है. पादरी वर्ष 1 जून से 31 मई तक होता है.

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आर्कबिशप ने  कहा कि मानवाधिकारों पर हमले हो रहे हैं और लोकतंत्र खतरे में नजर आ रहा है.
गोवा के आर्कबिशप की चिट्ठी का अंश
(फोटो: ANI)

चिट्ठी में आर्कबिशप ने लिखा-

“इन दिनों देश में एक ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. इसके तहत सामाजिक एकता की मांग की जा रही है और हमारे खाने-पीने, पहनावे, रहन-सहन और यहां तक कि प्रार्थना पर भी नजर रखी जा रही है. यह एक तरह से एक-संस्कृतिवाद है. मानव अधिकार और लोकतंत्र खतरे में है. आज हमारा संविधान खतरे में है और इस वजह से बहुत से लोग असुरक्षा में जी रहे हैं. चूंकि आम चुनाव नज़दीक हैं, तो हमें अपने संविधान को बचाने और उसके मूल्यों की रक्षा के लिए मेहनत करनी होगी.”
-फादर फिलिप नेरी फेर्राओ, आर्कबिशप, गोवा और दमन

चिट्ठी में आर्कबिशप ने ये भी लिखा कि अल्पसंख्यकों को अपनी सुरक्षा का खतरा सता रहा है और विकास के नाम पर लोगों को उनकी जगहों और घरों से हटाया जा रहा है. फिलीप ने लिखा, 'विकास की राह में गरीब व्यक्ति सबसे ज्यादा पीड़ित है. गरीबों को रौंदना गलत है क्योंकि उनके हक में आवाज उठाने वालों की संख्या काफी कम है.'

आर्कबिशप के सचिव ने दी सफाई

खत के मामले पर विवाद बढ़ने के बाद गोवा आर्कबिशप के सचिव ने मामले पर सफाई देते हुए कहा, "हम हर साल पैस्टर लेटर जारी करते हैं, इस बार खत में किसी तरह  1-2 मुद्दे ऐसे शामिल हो गए, जो हमारे संदर्भ से बाहर के मुद्दे हैं. खत वेबसाइट पर है, आपको संदर्भ को समझने के लिए इसे पढ़ना होगा."

बता दें कि पिछले महीने ही दिल्ली के आर्कबिशप अनिल जोसेफ थॉमस क्यूटो ने भी इसी तरह का एक खत लिखा था. जिसपर राजनैतिक विवाद खड़ा हो गया था. पत्र में उन्होंने ‘अशांत राजनैतिक वातावरण’ का जिक्र किया था, जिसकी वजह से लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को खतरा है. इस खत में सभी पादरियों से साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ‘देश के लिए प्रार्थना’ करने की गुजारिश की गयी थी.

बीजेपी ने दी प्रतिक्रिया

इस मामले पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह चुनावी साल है और इस तरह के खत स्वभाविक हैं. लेकिन इस तरह के खत से सरकार की उपलब्धियां नहीं छुपेगी. इस वक्त देश में माहौल बिल्कुल ठीक है और देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहा है. नकवी ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में सभी को अपनी बात कहने की आजादी है.

ये भी पढ़ें - आर्कबिशप के विवादित बयान पर क्‍या कहता है ईसाई समुदाय

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