केरल विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को हटाने के लिए पास हुए प्रस्ताव को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गलत करार दिया है. उन्होंने कहा है कि किसी राज्य को केंद्रीय विषयों पर प्रस्ताव पास करने का अधिकार ही नहीं है.
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि
“नागरिकता का मामला केंद्र सरकार का विषय है, इसको लेकर राज्य सरकार के प्रस्ताव पारित करने का कहीं कोई संवैधानिक आधार नहीं है.”मोहम्मद खान,राज्यपाल
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 31 दिसंबर को विधानसभा में सीएए हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था जिसे बाद में विधानसभा ने पारित किया था. इस प्रस्ताव का कांग्रेस ने समर्थन किया था वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा ऐतराज जताया था.
केरल में सेक्युलरिज्म का इतिहास रहा है:पी विजयन
प्रस्ताव पास कराने की वजह मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ये बताई थी कि 'केरल में सेक्युलरिज्म (धर्म निरपेक्षता) का सुनहरा इतिहास रहा है. ऐसे में इस परंपरा को बनाए रखने के लिए ऐसे कानून का विरोध जरूरी है.'
केरल के राज्यपाल के तौर पर अपनी नियुक्ति से पहले आरिफ मोहम्मद खान ने तीन तलाक बिल पर मोदी सरकार का समर्थन किया था. जून में जब तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश हुआ था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में खान के बयान का जिक्र करते हुए कांग्रेस का समर्थन मांगा था.
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