हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) कहने को तो शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है. बावजूद इसके सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति किसी से छुपी नहीं है. प्रदेश में 18 हजार से ज्यादा स्कूल हैं. इनमें 15 हजार से ज्यादा स्कूल सरकारी हैं, लेकिन हिमाचल के पांच हजार 113 प्राथमिक और 993 माध्यमिक स्कूलों समेत कुल 6 हजार 106 सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या 20 से भी कम है. लिहाजा सरकार 286 स्कूल बंद करने जा रही है.
286 स्कूलों को बंद करने जा रही सरकार
पहले चरण में हिमाचल सरकार 286 स्कूलों को बंद करने जा रही है. हैरानी की बात ये हैं कि इन स्कूलों में एक भी छात्र पढ़ाई नहीं कर रहा है. इन स्कूलों में 228 प्राइमरी, जबकि 56 मिडिल स्कूल शामिल हैं. आने वाले वक्त में कम बच्चों वाले स्कूलों को भी बंद करने की तैयारी है, जिसको लेकर सरकार ने मापदंड तय कर लिए हैं.
23 में से 19 कॉलेज किए बंद
जानकारी के मुताबिक सरकार ने 23 में से 19 कॉलेजों को बंद कर दिया है. शिक्षा मंत्री का कहना है कि सरकार के इस फैसले से प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा. वहीं पास लगते स्कूलों में मर्ज होने वाले स्कूलों के बच्चों को सुगमता से नए स्कूल तक पहुंचने की व्यवस्था की जाएगी. इससे 2500 के करीब शिक्षकों की कमी भी दूर होगी.
क्या बोले शिक्षा मंत्री ?
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि पिछली जयराम सरकार ने चुनाव से पहले फायदा लेने के लिए 314 शिक्षण संस्थान खोल दिए थे. जिन्हें डी-नोटिफाई किया गया है. इनमें भी 65 विद्यार्थियों वाले शिक्षण संस्थानों को बंद नहीं किया जाएगा. जबकि हिमाचल में 10 बच्चों वाले प्राथमिक स्कूलों, 40 विद्यार्थियों वाले हाई स्कूलों और 60 छात्रों वाले 10+2 के स्कूलों और कॉलेजों को बंद नहीं किया जाएगा.
3154 स्कूलों में एक ही शिक्षक
पत्रकार वार्ता के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 3 हजार 154 स्कूल ऐसे हैं, जहां मात्र एक शिक्षक है, जबकि 455 स्कूल ऐसे हैं जो डेपुटेशन के सहारे चल रहे है. ऐसे में आने वाले समय में शिक्षा व्यवस्था को सही तरीके से चलाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे.
फैसले के पीछे शिक्षा विभाग का तर्क
स्कूल-कॉलेज को बंद और मर्ज करने पर शिक्षा विभाग ने तर्क दिया है कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या कम है वहां प्रतिस्पर्धा भी कम होती है. लिहाजा जहां छात्रों की संख्या ज्यादा होगी वहां बच्चे भी ज्यादा पढ़ाई कर बच्चों में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी.
क्या बोले पूर्व CM जयराम ठाकुर ?
सरकार के फैसले पर पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने भी कड़ा रुख इख्तियार किया है. उनका कहना है कि जनता में सरकार के खिलाफ रोष है. लिहाजा सुक्खू सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी. जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकारी संस्थानों की तालाबंदी के खिलाफ विपक्ष पूरे प्रदेश में आक्रोश रैली निकाल रहा है. जिसमें सरकार को पूरी तरह से घेरा जाएगा. जयराम ठाकुर का दावा है कि सुखविंदर सुक्खू ने 10 गारंटियों को पूरा करने के लिए 900 सरकारी संस्थानों को बंद किया है.
ट्रांसफर पॉलिसी भी बदलेगी
सुक्खू सरकार ट्रांसफर पॉलिसी में भी बदलाव करने जा रही है. इशके संकेत शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने दिए हैं. जिसके मुताबिक वो अध्यापक जो कई साल से एक ही स्थान पर पोस्टेड हैं, उन्हें जल्द वहां से हटाया जाएगा. इसके साथ ही दूरदराज या जनजातिया इलाकों में सेवाएं दे रहे टूचर्स को भी च्वाइस स्टेशन पर भेजा जाएगा.
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