ADVERTISEMENTREMOVE AD

कंबाला धावक श्रीनिवास ने रिजिजू के ट्रायल के ऑफर को ठुकराया

श्रीनिवास गौड़ा ने कहा कि,मैं खुश हूं की मुझे लोगों से इतना प्यार मिला, लेकिन मैं SAI के ट्रायल के लिए नहीं जाऊंगा.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कर्नाटक में कंबाला (भैंसा दौड़) प्रतियोगिता के दौरान सिर्फ 13.62 सेकंड में 142.5 मीटर की दौड़ लगाकर लोगों की नजरों में आए श्रीनिवास गौड़ा ने किरण रिजिजू के प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा कि वो कंबाला में ही फोकस करना चाहते है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मैं खुश हूं कि मुझे लोगों से इतना प्यार मिला : गौड़ा

14 फरवरी को गौड़ा की इस दौड़ की खबर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद किरण रिजिजू ने श्रीनिवास गौड़ा को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के शीर्ष कोच के सामने ट्रायल के लिए बुलाया था.

हालांकि द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान श्रीनिवास गौड़ा ने कहा कि, “मैं खुश हूं कि मुझे लोगों से इतना प्यार मिला, लेकिन मैं SAI के ट्रायल के लिए नहीं जाऊंगा.”

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के आमंत्रण पर सोमवार ,17 फरवरी को श्रीनिवास गौड़ा उनसे मिलने बेंगलुरु जायेंगे. गौड़ा की दौड़ के बारे में दावा किया गया था कि उन्होंने सिर्फ 9.55 सेकंड में 100 मीटर की दूरी तय कर उसेन बोल्ट के वर्ल्ड रिकॉर्ड (9.58 सेकंड) को तोड़ दिया.

श्रीनिवास गौड़ा ने बताया कि-

कंबाला दौड़ में एड़ी का इस्तेमाल ज्यादा है , जबकि दौड़ में पंजे का. कंबाला में भैंसे की भूमिका भी अहम है जबकि दौड़ में ऐसा नहीं है.

गौड़ा ने आगे कहा, बहुत सारे धावकों ने कंबाला में अपनी किस्मत आजमाई, मगर वो शुरुआती राउंड में ही बाहर हो गए.

उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने शनिवार 15 फरवरी को ट्वीट कर खेल मंत्री किरेण रिजिजू से गौड़ा को ट्रेनिंग मुहैया कराने की अपील की थी. महिंद्रा ने लिखा था-

“इसके शरीर पर सिर्फ एक नजर डालिए और आप जान जाओगे कि ये शख्स एथलेटिक्स में असाधारण उपलब्धियां हासिल कर सकता है. अब या तो किरेण रिजिजू इसे 100 मीटर स्प्रिंट के लिए ट्रेनिंग उपलब्ध कराएं या फिर हम कंबाला को ओलंपिक खेल बनाएं. कैसे भी हो, हमें श्रीनिवास के लिए गोल्ड चाहिए.”

रिजिजू ने महिंद्रा के इस ट्वीट का संज्ञान लिया और उनको जवाब देते हुए लिखा कि वो उन्हें ट्रायल्स के लिए बुलाएंगे.

“मैं कर्नाटक के श्रीनिवास गौड़ा को SAI के शीर्ष कोच के सामने ट्रायल के लिए बुलाउंगा. लोगों में ओलंपिक के स्तर को लेकर जानकारी की कमी है और खासतौर पर एथलेटिक्स को लेकर, जिसमें मानवीय क्षमता के सर्वोच्च स्तर की परीक्षा होती है. मैं सुनिश्चित करूंगा कि देश में किसी भी प्रतिभा को परखे बिना नहीं जाने दिया जाए.”

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×