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Qलखनऊ: 600 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, मुख्तार अंसारी बरी

Q लखनऊ में पढ़ें उत्तर प्रदेश की तमाम बड़ी खबरें

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योगी सरकार ने 2 साल में की 600 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए 600 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. इनमें 200 अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें पिछले दो साल में जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया. उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया, "हमारी सरकार की भ्रष्ट और ढीले-ढाले अफसरों के खिलाफ 'जीरो टालरेंस' की नीति है. पिछले दो साल के दौरान अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्हें वीआरएस दिया गया है और कई अधिकारियों को चेतावनी दी गई है और उनके प्रमोशन रोक दिए गए हैं."
उन्होंने बताया, "सरकार ने 200 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन वीआरएस दिया है, जबकि 400 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को दंड दिया गया है यानी अब उनका प्रमोशन नहीं होगा, साथ ही उनका तबादला किया गया है."
शर्मा ने कहा, "उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने इस तरह की कार्रवाई की है. हमने एक मिसाल पेश की है. आगे और कार्रवाई होगी."

सूत्रों के मुताबिक पिछले दो साल में 600 के लगभग अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी है. इनमें 169 बिजली विभाग के अधिकारी हैं. 25 अधिकारी पंचायती राज, 26 बेसिक शिक्षा, 18 पीडब्ल्यूडी विभाग के और बाकी अन्य विभाग के हैं. करीब 200 अधिकारियों को वीआरएस दिया गया है .

प्रशानिक सूत्रों की मानें तो इस कार्रवाई के अलावा 150 से ज्यादा अधिकारी अब भी सरकार के रडार पर हैं. इनमें ज्यादातर आईएएस और आईपीएस अफसर हैं. इन सभी पर फैसला केंद्र सरकार लेगी. इन अधिकारियों की सूची तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी गई है.
बता दें कि 20 जून को सचिवालय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेईमान और भ्रष्ट अधिकारियों को आड़े हाथ लिया था. उन्होंने कहा था कि बेईमान-भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सरकार में कोई जगह नहीं है. इन्हें तत्काल वीआरएस दे दीजिए.

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राजभर बोले- सरकार 17 जातियों को मूर्ख क्यों बना रही है

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल किए जाने के फैसले को केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक करार दिए जाने पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को निशाना साधा और कहा कि सरकार इन 17 जातियों को मूर्ख क्यों बना रही है. राजभर ने ट्वीट किया, "इन 17 जातियों को जाति प्रमाण-पत्र देकर सरकार इन्हें मूर्ख क्यों बना रही है. सरकार जो विभिन्न विभागों में भर्ती करने जा रही है, उसमें इन जातियों को एससी के कोटे में या पिछड़ी जाति में नौकरी मिलेगी, सरकार स्पष्ट करे, ताकि जो भर्ती होने जा रही है, उसमें भ्रम की स्थिति न बनी रहे."
राजभर ने आगे लिखा, "उत्तर प्रदेश सरकार ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण बनाने का जो निर्देश दिया है, क्या सरकार यह बताएगी कि इस जाति प्रमाण पत्र से किन-किन क्षेत्रों में इन 17 जातियों को लाभ मिलेगा, वह भी जब मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है?"

केंद्र सरकार ने 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित सूची में शामिल करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को सरासर गलत करार दिया है. केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलौत ने कहा कि यूपी सरकार का फैसला संविधान के अनुरूप नहीं है, क्योंकि अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े की सूची में बदलाव का अधिकार सिर्फ संसद को है.

बता दें कि योगी सरकार ने 24 जून को जिलाधिकारियों और आयुक्तों को आदेश दिया था कि वे पिछड़ी जाति में शामिल 17 अति पिछड़ी जातियों -कश्यप, राजभर, धीवर, बिंद, कुम्हार, कहार, केवट, निषाद, भार, मल्लाह, प्रजापति, धीमर, बठाम, तुरहा, गोड़िया, मांझी और मछुआ को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी करें.

प्रियंका ने यूपी में बढ़ते अपराध पर साधा निशाना, BJP ने किया पलटवार

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार पर बुधवार को हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी में अपराधियों की हरकतें चरम पर हैं, जबकि सरकार इससे जुड़े सवालों पर झूठ बोल रही है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, "यूपी सरकार के नेता प्रदेश में लगातार बढ़ते अपराध पर मेरे ट्वीट का कुछ भी झूठ-मूठ जवाब दे दें, मगर पुरानी कहावत है 'हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े लिखे को फारसी क्या'. उत्तर प्रदेश में अपराधियों के कारनामे चरम पर हैं और जनता पूछ रही है कि ऐसा क्यों?"

प्रियंका के इस बयान पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता चन्द्र मोहन ने कहा, "प्रियंका को जमीनी सच मालूम नहीं है. इसीलिए ऐसी टिप्पणी कर रही हैं. पहले उन्हें उत्तर प्रदेश आना चाहिए. फिर सोच-समझकर टिप्पणी करनी चाहिए." चन्द्रमोहन ने कहा, "यूपी में संगठित अपराध को पुलिस ने खत्म कर दिया है. कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बन रहे लोगों को पुलिस जवाब दे रही है. यूपी में व्यापारी, छात्राएं सभी सुरक्षित हैं."

बता दें कि प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार यूपी सरकार पर अलग-अलग मुद्दे को लेकर हमले कर रही हैं. इससे पहले प्रियंका ने सहायक शिक्षकों के मामले में यूपी सरकार पर हमला बोला था.

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कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी बरी

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को मुख्तार अंसारी और छह अन्य को गाजीपुर में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की हत्या के मामले में बरी कर दिया. सीबीआई के विशेष जज अरुण भारद्वाज ने मुख्तार, उनके भाई अफजाल अंसारी और पांच अन्य को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष इस मामले को साबित करने में विफल रहा है.

विधायक राय की गाजीपुर में छह अन्य लोगों के साथ नवंबर-2005 में एके-47 राइफलों से लैस हमलावरों ने हत्या कर दी थी. इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मृतक राजनेता की पत्नी अलका राय की मांग पर मामले की सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह मामला उत्तर प्रदेश की अदालत से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था. अंसारी बंधुओं के अलावा इस मामले में संजीव माहेश्वरी, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी, राकेश पांडे और मुन्ना बजरंगी के नाम थे. इस मामले में प्रमुख आरोपी रहे मुन्ना बजरंगी की 2018 में बागपत जेल में एक अन्य कैदी ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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यूपी पुलिस दे रही है आम आदमी को 'रोजगार का ऑफर'

घर बैठे हजारों रुपये कमाना चाहते है? अगर हां, तो उत्तर प्रदेश में बलरामपुर की पुलिस के पास आप के लिए ऑफर है. पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा द्वारा जारी एक पैम्फ्लेट के अनुसार, पुलिस ने एक 'मुखबिर रोजगार योजना' शुरू की है, जिसके तहत अपराधियों और उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी देने वालों को पुरस्कार में रुपये दिए जाएंगे. पुलिस पैम्फ्लेट में विभिन्न प्रकार की सूचनाओं के लिए इनाम राशि भी तय की गई है.

इसके मुताबिक, पुलिस को चोरी की कार का पता लगाने में मदद करने पर 1,000 रुपये का इनाम मिलेगा और कट्टा बरामद करने में मदद के लिए भी 1000 रुपये की राशि दी जाएगी. बिना लाइसेंस वाली रिवॉल्वर या पिस्तौल की सूचना और बरामदगी पर 5,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा.

पैम्फलेट में कहा गया है कि व्यक्ति इस तरह की सूचना को पुलिस अधीक्षक को उनके आधिकारिक मोबाइल नंबर पर दे सकता है. व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाएगी और अगर सूचना सही पाई गई तो पुरस्कार की राशि नकद में दी जाएगी या उसके खाते में जमा की जाएगी. यह पुलिस द्वारा शुरू की जाने वाली इस तरह की पहली योजना है.

(इनपुट: IANS)

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