मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के पश्चिमी छोर पर बसे आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में इन दिनों कथित धर्मांतरण का मामला गर्माता जा रहा है. पिछले दिनों 25 मार्च को झाबुआ के मिशन स्कूल परिसर में कैथोलिक डायसिस और झाबुआ के विशाल चर्च के उद्घाटन के विरोध के बावजूद पोप के प्रतिनिधि और भारत में उनके राजदूत लियोपोलडो गिरेली ने ईसाई धर्म रीति के अनुसार इसका उद्घाटन किया था. इसके बाद हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया तो पुलिस ने अवैध धर्मांतरण का मामला दर्ज कर पांच लोगों को जेल भेजा था. अब धर्मांतरण के आरोपी की शिकायत पर पुलिस ने हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया है. इसमें सात नामजद आरोपियों के साथ अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है.
पुलिस के इस एक्शन से गुस्साए हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने थाना परिसर में भजन संकीर्तन किया और अपना विरोध दर्ज कराया है.
क्या है पूरा मामला?
25 मार्च की रात में विश्व हिंदू परिषद और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने ग्राम झेर में पांच लोगों के खिलाफ कल्याणपुरा थाना में अवैध धर्मांतरण का आरोप लगाकर मामला दर्ज कराया और उन्हें पुलिस के हवाले किया था. 26 मार्च को गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया था.
इस मामले में 28 मार्च को एक रोचक घटना क्रम सामने आया. पुलिस ने 25 मार्च की घटना को लेकर धर्मांतरण के एक आरोपी की तहरीर पर रात 1 बजे हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं और आम ग्रामीणों के खिलाफ धारा 147, 323, 294, 504 के तहत मामला दर्ज किया.
इस मामले की जानकारी जैसे ही हिंदू संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को लगी उन्होंने 28 मार्च को पुलिस कार्रवाई से नाराज होकर पूरे जिले में हर रोज 5 गांव में मुख्यमंत्री के पुतला दहन की चेतावनी दे डाली.
हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव किया
मामला इतना बढ़ गया कि शाम होते-होते थाना कल्याणपुरा का घेराव शुरू कर लिया. रात में बड़ी संख्या में विश्व हिन्दू परिषद और हिंदू जनजाति संगठन सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कल्याणपुरा थाना परिसर में पुलिस अधिकारियों से हिन्दू पक्ष से जुड़े लोगों पर की गई FIR का विरोध किया. गुस्साए हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने थाना परिसर में भजन संकीर्तन किया और अपना विरोध दर्ज कराया.
हिंदू संगठन के पदाधिकारियों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन ईसाई मिशनरियों के दबाव में हिंदू कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज कर रही है. ऐसे में उन्हें बर्खास्त कर स्पष्ट जांच किया जाना चाहिए. इस मामले को लेकर एसडीओपी सोनू डावर ने किसी भी तरह के पक्षपात से इनकार करते हुए विधि अनुरूप कार्रवाई करने की बात कही है.
थाना प्रभारी कौशल्या चौहान ने कहा कि पूर्व में दो संप्रदाय के बीच धर्मांतरण और मारपीट के मामले को लेकर पुलिस कार्रवाई कर रही है, इसी से एक पक्ष नाराज है.
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