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ऑक्सीजन की ‘सेंधमारी’:नागपुर जा रहे टैंकर गुजरात की ओर किसने मोड़े

छत्तीसगढ़ के भिलाई से ऑक्सीजन के चार टैंकर्स महाराष्ट्र के नागपुर के लिए भेजे गए थे.

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देशभर में ऑक्सीजन की भारी किल्लत के बीच इसकी कालाबाजारी देखी जा रही है. वहीं, अब ऑक्सीजन चोरी की कोशिश की खबर सामने आई है. ये घटना है महाराष्ट्र के नागपुर की, जहां ऑक्सीजन के चार टैंकर्स को चुराने की कोशिश की गई, लेकिन वक्त रहते पुलिस ने फुरती दिखाई और इस साजिश को नाकाम कर दिया गया.

तो नागपुर के रोगियों के लिए ऑक्सीजन से भरे 4 टैंकर्स चुराने की कोशिश कैसे हुई?

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छत्तीसगढ़ के भिलाई से ऑक्सीजन के चार टैंकर्स 5 मई को नागपुर के लिए भेजे गए थे. इन टैंकरों में 16 लाख का 64 टन ऑक्सीजन भरा था. इन्हें अपने तय समय पर नागपुर पहुंचना था, लेकिन जब टैंकर्स नागपुर नहीं पहुंचे, तो इनकी तलाश शुरू की गई.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टैंकर्स की को-कॉर्डिनेशन की जिम्मेदारी प्यारे खान नामक समाजसेवी को सौंपी थी. टैंकर्स नागपुर में समय पर ना पहुचने पर प्यारे खान ने पूछताछ शुरू की और अपनी एक टीम को भिलाई भेजा.

इसके बाद पता चला कि टैंकर्स के चालकों से संपर्क नहीं हो रहा है और सभी गायब हैं. टैंकर चालक, वाहक, ऑक्सीजन कंपनी के कर्मचारियों ने भी फोन उठाना बंद कर दिया गया.

कैसे ढूंढे गए चारों टैंकर्स?

टैंकरों का पता लगाने के लिए पुलिस की मदद ली गई. खान ने नागपुर पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार, कलेक्टर रविन्द्र ठाकरे और आरटीओ को इस मामले की जानकारी दी. सभी यंत्रणा काम और लग गई. जगह जगह नाकाबंदी लगाई गई.

टैंकर चालकों के फोन की लोकेशन से उनकी लोकेशन को ट्रेस किया गया. ट्रेस करने पर पुलिस ने पाया कि दो टैंकर देवरी पहुंच गए हैं, और 2 टैंकर नागपुर पार कर औरंगाबाद पहुंच गए हैं. सभी को वापस नागपुर की ओर मोड़ दिया गया है.

गुजरात जा रहे थे चारों टैंकर्स

पुलिस ने जांच में पाया कि इस ऑक्सीजन के लिए उन्हें ज्यादा पैसे दिए गए थे, जिसके बाद वो गुजरात ले जाए जा रहे थे. पुलिस आगे की जांच में जुट गई है और पता लगा रही है कि टैंकर चालकों को किसने रिश्वत दी. पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि क्या इस पूरे मामले में कोई बड़ा गिरोह एक्टिव है.

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