महाराष्ट्र में शैक्षणिक संस्थानों में मुसलमानों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण देने का एक नया विधेयक जल्द ही राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा, यह विधेयक महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पेश किया जाएगा, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने ये जानकारी दी.
शैक्षणिक संस्थानों में मुसलमानों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ साथ महाराष्ट्र सरकार नौकरियों में आरक्षण लाने की योजना बना रही हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि वे नौकरियों में आरक्षण लाने की योजना बना रहे हैं और सरकार इसके लिए कानूनी सलाह ले रही है. बता दें कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन वाली पिछली सरकार ने अदालती आदेश के बावजूद मुसलमानों को आरक्षण नहीं दिया.
एनसीपी नेता मलिक ने मुस्लिमों को आरक्षण देने के बारे में कहा-
कांग्रेस,एनसीपी और शिवसेना की सरकार बनाने के बाद इस (विधानसभा) सत्र के अंत तक शिक्षा में मुसलमानों को आरक्षण देने की कोशिश करेंगे. हम 5 फीसदी आरक्षण देने की कोशिश करेंगे.नवाब मलिक, एनसीपी मंत्री
बता दें पिछले साल नवंबर में शिवसेना ने सत्ता के बंटवारे को लेकर बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ दिया था.
आरक्षण को 50% के अंदर रखना होगा चुनौतीपूर्ण
पिछले साल शिक्षा और नौकरियों में मराठों को कोटा देने के बाद मुसलमानों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की योजना मौजूदा कोटा के आंकड़े को बढ़ा सकता है, जो पहले से ही हाई कोर्ट द्वारा लागू 50 प्रतिशत से ऊपर है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले साल जून में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के पिछले राज्य सरकार के फैसले को बरकरार रखा, लेकिन सरकार द्वारा निर्धारित 16 प्रतिशत को घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया था.
मराठों को आरक्षण देने के बाद राज्य में आरक्षण का आंकड़ा 50 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कैप से अधिक है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने अभी तक घोषणा नहीं की है कि वो 50 प्रतिशत कोटा कैप को किस तरह लागू करेंगे.
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