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MP: शिवराज सरकार ने 5 संतों को दिया राज्यमंत्री का दर्जा 

मध्य प्रदेश सरकार ने साधु-संतों के लिए खोला अपना पिटारा 

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मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने 5 संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. सरकार ने आदेश जारी कर इस बात की पुष्टि की है. इनमें भय्यूजी महाराज का नाम भी शामिल है.

आदेश पत्र के मुताबिक, मध्य प्रदेश के चिह्न‍ित क्षेत्रों में, खासकर नर्मदा किनारे के इलाकों में पेड़ लगाने, जल संरक्षण और स्वच्छता के मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाने के लिए स्पेशल कमेटी का गठन किया गया है.

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कौन हैं भय्यू महाराज?

शुजालपुर के एक किसान परिवार में जन्मे भय्यूजी महाराज का असली नाम उदयसिंह देखमुख है. उनका मुख्य आश्रम इंदौर स्थित बापट चौराहे पर है. सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनकी देखरेख में संचालित होता है.

पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख, शरद पवार, लता मंगेशकर, उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौंडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी जैसी हस्तियां उनके आश्रम आ चुके हैं.

इनके अलावा सरकार ने कमिटी मेंबर के नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी, कंप्यूटर बाबाजी और योगेंद्र महंतजी को राज्य सरकार में राज्यमंत्री स्तर का दर्जा दिया है.

बता दें, ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी राज्य सरकार की तरफ से संत को मंत्री का दर्जा देने का ऐलान किया गया हो. साल 2015 में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने योगगुरु बाबा रामदेव को राज्यमंत्री बनाने का ऐलान किया था.

हालांकि, रामदेव ने हरियाणा सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने की पेशकश को स्वीकार नहीं किया था. रामदेव ने कहा था कि वो मंत्री पद नहीं चाहते हैं और बाबा ही रहना चाहते हैं.

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