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मुंबई के चॉल में कोरोनावायरस की दस्तक, बीएमसी के सामने बड़ी चुनौती

मुंबई में कोरोनावायस से पीड़ित हुए लोगों की संख्या 49 हो गई है और 4 मौतें हो चुकी है

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मुंबई में कोरोनावायरस अब स्लम और चॉल में पहुंच गया है. ऐसा होने के बाद बीएमसी के सामने चुनौती ये है कि कैसे संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान करे, क्योंकि चॉल और स्लम में लोग काफी पास-पास रहते हैं. कई बार एक ही टॉयलेट का काफी तादाद में लोग इस्तेमाल करते हैं. अगर सही वक्त पर संपर्क में आए लोगों की पहचान नहीं हुई तो बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है. इस बीच मुंबई में कोरोनावायस से पीड़ित हुए लोगों की संख्या 49 हो गई है और 4 मौतें हो चुकी है.

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मुंबई में कोरोनावायरस अब स्लम और चॉल में पहुंच गया है. ऐसा होने के बाद बीएमसी के सामने चुनौती ये है कि कैसे संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान करे, क्योंकि चॉल और स्लम में लोग काफी पास-पास रहते हैं. कई बार एक ही टॉयलेट का काफी तादाद में लोग इस्तेमाल करते हैं. अगर सही वक्त पर संपर्क में आए लोगों की पहचान नहीं हुई तो बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है. इस बीच मुंबई में कोरोनावायस से पीड़ित हुए लोगों की संख्या 49 हो गई है और 4 मौतें हो चुकी हैं

मुंबई में मंगलवार को 65 वर्षीय एक महिला का टेस्ट पॉज़िटिव पाया गया. महिला जिस चॉल में रहती है वहां जांच की जा रही है. बीएमसी ने चॉल के लोगों से अपील की है कि जो लोग महिला के संपर्क में आए हैं वो खुद सामने आकर अपनी जांच कराएं. इस अपील के बाद कुच लोगों ने जांच कराई भी. इनके सैंपल कस्तूरबा अस्पताल भेजे गए हैं.

जानकारी के मुताबिक़ ये महिला मुंबई के प्रभादेवी इलाक़े में मेस चलाती हैं. प्रभादेवी इलाक़े में बड़े बिसनेस सेंटर हैं. जहां बड़ी संख्या में लोग खाना खाते हैं. BMC के सामने बड़ी चुनौती ये है वो संपर्क में आए सभी लोगों का पता लगाए. खासकर ऐसे हालात में जब इस महिला की विदेश यात्रा की कोई हिस्ट्री भी नहीं.

महिला की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. विदेश यात्रा से लौटे किसी शख्स के संपर्क की बात भी सामने नहीं आई है. लॉक डाउन होने की वजह से मेस भी बंद है. ऐसे में महिला किसके संपर्क में आई, ये पता लगाना हुत मुश्किल है. फ़िलहाल हमने महिला के रिश्तेदारों के सैम्पल जांच के लिए भेज दिए गए हैं.
शरद उघाड़े, G साउथ वार्ड के अतिरिक्त आयुक्त
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सोमवार को जिस 37 वर्षीय व्यक्ति का टेस्ट पॉजिटिव आया है, वो क़ालीन इलाक़े के स्लम में रहता है. ये शख्स मार्च के पहले हफ्ते में इटली से लौटा था. वहां वेटर का काम करता था. इटली से लौटने के बाद मुंबई एयरपोर्ट पर जांच हुई लेकिन कोई लक्षण नहीं दिखे. घर लौटने के बाद जब बुखार आया तो नजदीक के डॉक्टर से जांच कराई. लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई. लेकिन बुखार कम नहीं हुआ तो सोमवार को फिर जांच कराई. इस बार टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई. व्यक्ति जिस स्लम में रहता है कि वहां लोग कॉमन टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं साथ ही एक ही जगह से पानी लेते हैं. घनी आबादी है. बीएमसी ने फिलहाल इस व्यक्ति के परिवार वालों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे हैं.

जिस डॉक्टर से पीड़ित ने पहली जांच कराई थी उसकी क्लीनिक को बीएमसी ने सील कर दिया और वहां काम करने वाले तमाम लोगों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे हैं.

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दूसरे स्लम की तरह कालीन स्लम में भी घनी आबादी है. लोग तंग गलियों में रहते हैं. यहां सोशल डिस्टेंसिंग लागू कर पाना बेहद मुश्किल काम है. फिलहाल बीएमसी ने सेनिटाइजर का छिड़काव किया है.

जाहिर है ये आधे अधूरे उपाय हैं. एक बार स्लम में कोरोना फैला तो फिर इसे रोकना बेहद मुश्किल काम होगा. बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश ककानी ने कहा है कि स्लम के इलाकों में एक स्वास्थ्य अधिकारी को तैनात किया गया है. साथ ही किसी को अगर लक्षण दिखते हैं तो वो महापालिका अस्पताल में संपर्क कर सकते हैं.

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