मुंबई (Mumbai Fire Accident) के गोरेगांव में बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लगने से दो नाबालिग समेत 7 लोगों की मौत हो गई. 39 से अधिक घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आग इतनी भीषण थी कि इसने पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया. मृतकों के परिजनों का कहना है कि आग 7वीं मंजिल तक पहुंच गई थी. हादसे में कई लोगों की सोने के दौरान ही जान चली गई.
घटना को लेकर एक पीड़ित के रिश्तेदार महिला ने बताया कि...
''हमें आग के बारे में सुबह 8 बजे पता चला. जब हमने यहां आकर देखा तो पता चला कि मेरी भाभी और हमारे परिवार की एक बेटी की मौत हो गई है. बहुत सारे लोग घायल हुए हैं और मेरे परिवार के दो लोगों की मौत हो गई है."
"स्थिति बहुत हृदय विदारक थी": चश्मदीद
घटना के एक चश्मदीद गवाह, अभिनेता मनीष चतुर्वेदी ने बताया कि...
"घटना सुबह 2.30 बजे से 3 बजे के बीच हुई. मैं लगभग 1.30 बजे एक पार्टी से लौटा था और सो रहा था. अचानक, लगभग 2.45 बजे मुझे हवा में जलने की गंध महसूस हुई. मैं उठा और सबसे पहले अपने कमरे की तलाशी ली. फिर मैंने अपने भाई को जगाया. फिर हमने धुआं उठते देखा."
मनीष ने आगे बताया "हमने फिर फायर ब्रिगेड को फोन किया. मैं सुबह 3.06 बजे कॉल कर पाया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. मुझे लगता है कि अगर वे सतर्क होते तो नुकसान इतना अधिक नहीं होता. पुलिस समय पर पहुंच गई...स्थिति बहुत हृदय विदारक थी...''
बिल्डिंग में कपड़ा होने से आग ने भीषण रूप लिया
वहीं, एक पीड़ित के रिश्तेदार ने कहा कि...
"हमारे परिवार के सदस्य और रिश्तेदार वहां थे. मेरी चाची की मौत हो गई. लगभग 1.30 बजे शॉर्ट सर्किट हुआ और फिर आग फैल गई. आग 7वीं मंजिल तक फैल गई. फायर ब्रिगेड लेट से आई, जिससे ज्यादा नुकसान हुआ.
उन्होंने आगे बताया कि उनके परिवार के एक सदस्य का शव प्रशासन के पास है. जिसे वे एक घंटे में सौंप देंगे. वहीं, उन्होंने बताया कि हम लोग कपड़ा का व्यवसाय करते हैं. बिल्डिंग में कपड़ा रखा था, इसलिए आग ज्यादा फैल गई.
धुंए के गुबार से भरी इमारत
वहीं, बीजेपी विधायक विद्या ठाकुर ने बताया...
"जब आग लगी तो इमारत धुएं से भर गई. रात का समय था, इसलिए लोग सो रहे थे. धुएं के कारण लोगों को परेशानी हुई. आग बहुत भीषण थी, इसलिए नगर निगम, पुलिस और अग्निशमन विभाग के लोग वहां पहुंच गए. कई लोग घायल हो गए और हताहत हुए थे."
पीड़ित परिवार को स्कूल में ठहराया
उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इस घटना की जांच होनी चाहिए. विधायक ने आगे बताया "लोगों को उनके नुकसान के लिए आर्थिक मदद दी जानी चाहिए. हमने नगर निगम के साथ मिलकर उन्हें एक स्कूल में स्थानांतरित कर दिया है. हम वहां उनके भोजन और रहने की व्यवस्था कर रहे हैं..."
दम घुटने से हुई सात मौतें
बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने घटना को लेकर बताया...
"हमारे पास मौजूद जानकारी के मुताबिक, आग कल रात 3.01 बजे लगी. फायर टेंडर सुबह 3.10 बजे वहां पहुंचे. आग सबसे पहले इमारत की दो मंजिलों पर फैली थी. जलने के कारण मौत नहीं हुई है. सभी मौतें दम घुटने से हुईं क्योंकि वहां घना धुआं फैल गया था."
बीएमसी कमिश्नर ने आगे बताया "वाघरी समुदाय के सदस्यों को इस इमारत के कुछ फ्लैटों में पुनर्वासित किया गया है. वे कूड़ा बीनने वाले हैं. उनकी सामग्री पार्किंग क्षेत्र में रखी थी. आग लगने के बाद वो सामान तक फैल गई. 28 लोगों को अस्पताल में लाया गया है और उनमें से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है. उन सभी को मुफ्त चिकित्सा उपचार दिया जाएगा. अगर कुछ दवा की जरूरत पड़ी तो हम उसका खर्च भी वहन करेंगे. हम मृतकों के परिजनों का पता लगाएंगे और उन्हें 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा"
क्या है पूरा मामला?
मुंबई के गोरेगांव पश्चिम में एमजी रोड के पास जय संदेश बिल्डिंग में आग लग गई. आग लगने से कुल 51 लोग घायल हो गए थे. जिनमें सात लोगों की मौत हो गई. वहीं, 39 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इधर, महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
BMC की आपदा प्रबंधन इकाई के अधिकारियों ने कहा, "आग ग्राउंड फ्लोर की दुकानों, स्क्रैप मैटेरियल, पार्क किए गए वाहनों में लग गई. जिसके कारण लोग विभिन्न मंजिलों पर रह रहे लोग बिल्डिंग में फंस गए."
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