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डॉ कफील की रिहाई पर प्रियंका का लेटर-संवेदनशीलता का परिचय दें CM

पिछले साल दिसंबर 2019 CAA के खिलाफ कथित भड़काऊ बयान को लेकर डॉ. खान को 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया.

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पूर्व लेक्चरर और पीडियाट्रिशन डॉ. कफील खान यूपी की मथुरा जेल में पिछले 5 महीने से बंद हैं. पिछले साल दिसंबर 2019 CAA के खिलाफ कथित भड़काऊ बयान को लेकर डॉ. खान को 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया. 4 दिन बाद बेल पर बाहर आए डॉ. खान पर 14 फरवरी को NSA के तहत मामला दर्ज किया गया, उन पर लगे चार्जेज को 12 मई से और 3 महीने आगे बढ़ा दिया गया है. उनकी रिहाई की मांग सामाजिक कार्यकर्ता और कुछ राजनेता करते आए हैं. अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उनकी रिहाई को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ को लेटर लिखा है.

अपने लेटर में प्रियंका ने लिखा है कि डॉक्टर कफील खान 450 से ज्यादा जेल में गुजार चुके हैं, उम्मीद है कि अब योगी आदित्यनाथ संवेदनशीलता का परिचय देते हुए कफील को न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे.

प्रियंका गांधी ने अपने लेटर में गुरु गोरखनाथ की एक सबदी भी लिखी है, जिसका हिंदी मतलब है-

किसी से भेद न करो, मीठी वाणी बोलो, यदि सामने वाला आग बनकर जला रहा है तो योगी तुम पानी बनकर उसे शांत करो.
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प्रियंका गांधी के लेटर को रीट्वीट करते हुए इंडियन यूथ कांग्रेस के प्रेसिडेंट श्रीनिवास बीवी ने लिखा है कि डॉक्टरों को भगवान का दर्जा हासिल होता है लेकिन अगर यूपी में हैं तो दुर्दांत अपराधी बनाया जा सकता है.

कफील खान ने जेल से लिखा था लेटर - ''यहां नरक जैसा है'

जेल में कैद होने के दौरान डॉ कफील खान ने 5 लेटर लिखे हैं. उन लेटर्स में कफील ने जेल की हालत और सरकार से उनकी मांगों का जिक्र किया है. द क्विंट के पास डॉ. कफील खान के लेटर्स की कॉपी है जो उन्होंने जेल से लिखे हैं.

मेरी क्या गलती है जिसके लिए मुझे सजा दी जा रही है? मैं अपनी बीवी, बच्चों और अपने भाई बहनों के पास कब लौट पाऊंगा? मैं कब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ पाऊंगा?
डॉ. कफील खान की चिट्ठी

खान बताते हैं कि जेल में रहना कितना मुश्किल है, वो कहते हैं- 'हर बरैक में 125 से 150 लोग हैं और सिर्फ 4-5 ही टॉयलेट हैं तो जाहिर तौर पर सभी को लाइन लगानी पड़ती है, अब मेरे पेट में दर्द होने लगा है और जब मैं टॉयलेट में होता हूं तो वहां मच्छर हैं और ये बहुत बदबूदार है जिससे कई बार मुझे उल्टी हुई, इसके बाद नहाने के लिए अलग लाइन लगती है, खाने में पानी जैसी दाल उबली हुई सब्जी ज्यादातर गोभी, पत्ता गोभी और साथ में मूली होती है, मैं जिंदा रहने के लिए उसे पानी से निगल लेता हूं. लॉकडाउन के चलते अब हम अपने परिवार से भी नहीं मिल सकते कई बार मैं फलों से और बाकी खाने से अपनी भूख मिटाता था जब भी वो आते थे साथ लाते थे'

डॉ. कफील खान की पत्नी शबिस्ता खान का आरोप है कि उनके पति को जेल में किसी मुजरिम की तरह रखा जा रहा है.

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