ADVERTISEMENTREMOVE AD

Rajasthan: अफसरों के ACR भरने पर मंत्रियों का आपस में टकराव, क्या है पूरा मामला?

ACR Controversy: मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि DG की नियुक्ति से लेकर कांस्टेबल का तबादला भी सीएमआर से हो रहा है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

ACR Controversy Rajasthan: राजस्थान (Rajasthan) में आईएएस अफसरों के एसीआर (ACR) भरने को लेकर राजस्थान सरकार के मंत्रियों के बीच में विवाद पैदा हो गया है. IAS अफसर की ACR भरने के मामले में सैनिक कल्याण मंत्री गुढ़ा ने सीएम गहलोत पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा- राजस्थान में सारा पावर एक जगह (Centralized) है.

मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि DG की नियुक्ति से लेकर कांस्टेबल का तबादला भी सीएमआर से हो रहा है. यह विवाद कहा से शुरू हुआ, क्या है पूरा मामला और एसीआर क्या होता है आइए आपको बताते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

यहां से शुरू हुआ विवाद: बीते दिनों राजस्थान सरकार में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक बयान में कहा कि, "प्रदेश में अफरशाही हावी हो रही है. अफसरों को बेकाबू होने से रोकने के लिए उनकी एसीआर भरने का अधिकार सीएम की जगह विभाग के मंत्रियों के पास होना चाहिए. खाचरियावास के इन बयान का समर्थन सीएम के सलाहकार सयमं लोढ़ा ने भी किया था.

लेकिन तभी राजस्थान सरकार में मंत्री महेश जोशी ने इसका पटलवार किया. उन्होंने कहा कि, "मुझे मेरे विभाग के सारे अधिकार मिले हुए हैं. मेरे सारे काम हो रहे हैं, विभाग में कोई भी काम मेरे से बिना पूछा नहीं होता है. अगर, कोई अधिकारी मनमानी करेगा तो उस पर कार्रवाई होगी.मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जो मुद्दा उठाया है, उसका वह जाने, मुझे ऐसी कोई शिकायत नहीं है."

खाचरियावास बनाम महेश जोशी: मंत्री महेश जोशी के इस बयान के बाद प्रताप सिंह खाचरियावास और महेश जोशी में बहस बाजी और राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई. जहां एक ओर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, "जोशी एसीआर नहीं लिख रहे हैं, वह झूठ बोल रहे हैं. बिना कारण गुलामी नहीं करनी चाहिए, अगर गुलामी करने का ठेका लिया है तो करिए. मैं अधिकार के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा. जो नेता अपने अधिकार के लिए नहीं लड़ सकता, वह जनता के लिए क्या लड़ेंगे?"

इसके बाद मंत्री महेश जोशी ने भी पलटवार किया और कहा कि, "लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है और कोई भी किसी भी बात से सहमत और असहमत हो सकता है, लेकिन किसी को गुलाम बताना उचित नहीं है. मैं कहता हूं- हां मैं गुलाम हूं, मैं कांग्रेस पार्टी का गुलाम हूं, शालीन व्यवहार का गुलाम हूं.

विवाद ज्यादा बढ़ता देख खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने गुलाम वाले बयान के लिए माफी मांग ली और उसके साथ ही कहा कि मैं अपने शब्द वापस लेता हूं.

विवाद में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की एंट्री: यह विवाद थमता हुआ ही दिख रहा था कि बीते दिनों एक कार्यक्रम में शामिल हुए सैनिक कल्याण मंत्री गुढ़ा ने इसे फिर से हवा दे दी. मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि, "आईएएस अफसर की एसीआर भरने के मामले में जो प्रश्न आया है, वो प्रताप सिंह खाचरियावास की तरफ से आया है और उसके बाद से राजस्थान में इसको लेकर चर्चा हो रही है. लेकिन राजस्थान में मेरी जानकारी के अनुसार पावर पूरी तरीके से सेंट्रलाइज है. जो डीजीपी की नियुक्ति करते हैं, वही कांस्टेबल का ट्रांसफर करते हैं. कांस्टेबल के ट्रांसफर के लिए भी मुख्यमंत्री निवास पर जाना पड़ता है, फिर किसकी एसीआर भरने की बात कर रहे हैं."

क्या होता है ACR? 

वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) का मतलब है किसी अधिकारी का साल भर का वस्तुनिष्ठ और निष्पक्ष मूल्यांकन जिसमें उनका चरित्र, आचरण, क्षमता और प्रदर्शन शामिल होता है. प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए एक गोपनीय रिपोर्ट (सीआर) लिखी जाती है. इस गोपनीय रिपोर्ट में रिपोर्ट किए गए अधिकारी का पूरा विवरण होता है.

अधिकारीयों के प्रमोशन, डिमोशन और अन्य प्रशासनिक गतिविधियों में इस वार्षिक रिपोर्ट का अहम् योगदान होता है.

राजस्थान में मुख्य विवाद: राजस्थान में अधिकारीयों का एसीआर विभाग के मंत्रियों की जगह सीधे मुख्यमंत्री के दफ्तर से भरा जा रहा है. राजस्थान के कई मंत्री मुख्यमंत्री से मांग कर रहे रहें हैं कि उनके विभाग में तैनात आईएएस अफसरों की एसीआर भरने की अनुमति उन्हें दी जानी चाहिए न की यह काम सीएमओ की ओर से होना चाहिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×